चिखली जलशुद्धिकरण केंद्र के टेंडर पर घूमी शक की सुई

स्थायी समिति ने लगातार दूसरी बार स्थगित किया प्रस्ताव
पिंपरी। संवाददाता : गड़बड़- घोटाले का केंद्रबिंदु रहे पिंपरी चिंचवड़ मनपा में इन दिनों एक और टेंडर संदेह के दायरे में आया है। यह टेंडर है चिखली में प्रस्तावित जलशुद्धिकरण केंद्र के निर्माण और उसकी देखभाल- दुरुस्ती का। जितनी लागत इस परियोजना के निर्माण में आ रही है, लगभग उतनी ही लागत उसके देखभाल- दुरुस्ती और परिचालन में आ रही है। इससे इस टेंडर प्रक्रिया पर संदेह का दायरा गहरा बन गया है। पिंपरी चिंचवड़ मनपा की स्थायी समिति ने लगातार दूसरी बार इसका प्रस्ताव स्थगित रखा है।
चिखली में प्रस्तावित 300 एमएलडी क्षमता की जलशुद्धिकरण केंद्र परियोजना के लिए मनपा द्वारा  46 करोड़ 48 लाख रुपए का टेंडर जारी किया था। इसमें देखभाल- दुरुस्ती का खर्च शामिल नहीं किया गया था। मनपा के जलापूर्ति विभाग ने ठेकेदार कंपनियों से जीएसटी के बिना टेंडर पेश करने को कहा था। इसके अनुसार गोंडवाना इंजिनिअर्स का टेंडर सबसे कम दर का प्राप्त हुआ। इस टेंडर में 300 एमएलडी क्षमता के जलशुद्धिकरण केंद्र की डिजाइन तैयार करने, 100 एमएलडी क्षमता के जलशुद्धिकरण केंद्र का निर्माण करने आदि काम शामिल थे।
हालांकि ठेकेदार कंपनी ने 10 साल तक इस केंद्र के परिचालन, देखभाल- दुरुस्ती आदि के लिए 32 करोड़ 54 लाख 60 हजार रुपए का टेंडर भरा है। निर्माण कार्य से ज्यादा देखभाल-दुरुस्ती का खर्च है, यह बताकर स्थायी समिति सदस्यों ने इस प्रस्ताव का विरोध किया। उसी में प्रशासन की ओर से सदस्यों की शंकाओं का संतोषजनक निवारण भी नहीं किया जा सका। इसके चलते कल की सभा में इस परियोजना के प्रस्तुतिकरण के बाद इसका प्रस्ताव फिर एक बार स्थगित रखा गया, यह जानकारी स्थायी समिति सभापति विलास मडिगेरी ने दी।
पिंपरी चिंचवड शहर का नागरीकरणात तेजी से बढ़ रहा है। इस नागरिकरण के लिए मौजूदा जलापूर्ति व्यवस्था अपर्याप्त साबित हो रही है। मनपा द्वारा पवना बांध से रोजाना 480 एमएलडी पानी लेकर पूरे शहर में जलापूर्ति की जाती है। बढ़ते शहर की प्यास बुझाने के लिए आंद्रा व भामा आसखेड बांध से पानी लाने की योजना है। मनपा द्वारा वैकल्पिक जलापूर्ति योजना के तहत देहु कैनाल से 100 एमएलडी पानी लेने जा रही है। इसके लिए चिखली में जलशुद्धिकरण केंद्र का निर्माण किया जाना है। यहां देहु कैनाल से पानी लाकर उसकी शुद्धिकरण प्रक्रिया करने के बाद शहर में वितरित किया जाना है।