उद्योगनगरी की पानी की किल्लत का मसला पहुंचा मुख्यमंत्री के दरबार

पिंपरी। संवाददाता : पवना बांध में पर्याप्त जलसंचय रहने के बावजूद पिंपरी चिंचवड शहर में पानी की भारी किल्लत बनी हुई है। लोगों को एक दिन छोड़कर जलापूर्ति की जा रही है। दिन ब दिन गंभीर बनते जा रहा यह मसला अब मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के दरबार में पहुंच गया है। मावल लोकसभा चुनाव क्षेत्र से शिवसेना के सांसद श्रीरंग बारणे ने पिंपरी चिंचवड शहर में बनी पानी की किल्लत समेत अन्य लंबित मसलों के लिए मुख्यमंत्री से मुलाकात की और लंबित मसलों से अवगत कराया। पानी की किल्लत के साथ ही शहरवासियों को शास्तिकर से भी दिलासा दिलाने की मांग उन्होंने मुख्यमंत्री से की है।
सांसद बारणे ने मुख्यमंत्री ठाकरे से पिंपरी चिंचवड शहर की जलापूर्ति व्यवस्था सुचारू बनाने के लिहाज से संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक बुलाने की मांग की है। उन्होंने मुख्यमंत्री को सौंपे ज्ञापन में कहा कि, पिंपरी चिंचवड़ शहर में पानी की आपूर्ति के लिए पवना डैम से पाइप लाइन के जरिए सीधे पानी लाने का निर्णय लिया गया है। इस पर स्वीकृति भी दे दी गई है और अभी तक इस पर कोई काम शुरू नहीं हुआ है। यह मसला पिछले कई सालों से लंबित है। कुछ गांवों को पिंपरी चिंचवड़ मनपा में जोड़ा गया है। राज्य सरकार ने शहर और गाँवों की प्यास बुझाने के लिए भामा आसखेड़ बांध से 200 एमएलडी पानी लाने को मंजूरी दी है। इसका काम भी अब तक शुरू नहीं हुआ है।
पिंपरी चिंचवड़ शहर को जल आपूर्ति करने के लिए पवना पाइपलाइन परियोजना और भामा आसखेड़ परियोजना को पूरा करने की आवश्यकता है और संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक आवश्यक है। इससे शहर में पानी की आपूर्ति का मसला हल हो सकेगा। इसके साथ ही, पिछली सरकार ने पिंपरी चिंचवड़ शहर के नागरिकों को डेढ़ हजार वर्ग फीट तक के अवैध निर्माणकार्यों को शास्तिकर माफ किया है। हालांकि, शहरवासियों की मांग है कि संपूर्ण शास्तिकर को पूरी तरह से माफ किया जाए। इस लंबित मसले का भी जल्द से जल्द हल होना जरूरी है, ऐसा सांसद बारणे ने अपने ज्ञापन में कहा है।