झारखंड में शिक्षा का पाखंड…10 करोड़ के स्कॉलरशिप घोटाले में नपेंगे 96 स्कूल के प्रिंसिपल सहित 107 अन्य कर्मचारी

धनबाद . ऑनलाइन टीम : झारखंड के धनबाद में हुए 10 करोड़ रुपए के अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति घोटाले में कई चौंकाने वाले मामले सामने आ रहे हैं। आरोप की जद में आए स्कूल जिले के ग्यारह अंचलों में स्थित हैं।  कुल 96 स्कूलों के प्राचार्य-संचालकों पर भी एफआईआर की गई है।  जांच में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। जिले में छात्रवृत्ति लेनेवालों की संख्या एक साल में ही दस हजार से अधिक बढ़ गई। सत्र 2018-19 तथा 2019-20 की तुलना करें, तो राशि भी दस करोड़ से भी अधिक बढ़ गई।  जांच में वित्तीय लेने-देन की भी पुष्टि हुई है। कुछ आरोपी व स्कूल के प्राचार्यों व आरोपियों को चेक, ऑनलाइन तथा फंड ट्रांसफर के माध्यम से खाते में भुगतान किया गया है।

छात्रवृत्ति घोटाले की जांच कर रही चार सदस्यीय जांच टीम के प्रमुख सह एडीएम विधि-व्यवस्था चंदन कुमार ने बताया कि प्रारंभिक जांच में 9.99 करोड़ रुपए का घोटाला पकड़ में आया है। इसमें 13306 छात्रों के नाम शामिल हैं। सभी मामले वित्तीय वर्ष 2019-20 से संबंधित हैं। उन्होंने कहा कि घोटाले की व्यापक जांच किसी स्वतंत्र एजेंसी से कराने की सरकार से अनुशंसा की जाएगी। चूंकि इस घोटाले में जिला कल्याण पदाधिकारी दयानंद दुबे की संलिप्तता और लापरवाही उजागर हुई है। गजटेड ऑफिसर होने के कारण उनपर कार्रवाई के लिए सरकार से मंजूरी जरूरी है। इसके लिए राज्य सरकार के पास प्रस्ताव भेजा जा रहा है। जांच अधिकारी ने कहा कि सक्षम अधिकारी की लापरवाही के कारण घोटाले को अंजाम दिया गया।

चंदन कुमार ने बताया कि  चतरा से नियंत्रित हो रहे अंतरराज्यीय गिरोह के सदस्यों ने धनबाद के एजेंटों के साथ मिलकर घोटाले को अंजाम दिया। इसमें जिला कल्याण विभाग से लेकर राज्य स्तर के अधिकारी व कुछ कर्मचारियों की संलिप्तता से इनकार नहीं किया जा सकता है। आरोपियों ने धनबाद को भी अपना अस्थायी ठिकाना बना रखा था। एजेंटों के माध्यम से स्कूलों से संपर्क कर घोटाले को अंजाम दिया गया। इसमें कुछ स्थानीय दलाल भी शामिल हैं।

सूत्रों ने बताया कि घोटाले में संलिप्त कल्याण विभाग के डिलिंग क्लर्क विनोद कुमार पासवान व कंप्यूटर ऑपरेटर अजय कुमार मंडल को बर्खास्त करने की अनुशंसा डीसी से की गई है। जल्द ही दोंनों को नौकरी से हटाया जाएगा। इस संबंध में डीसी ने कहा कि दोनों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। 72 घंटे में शोकॉज का जवाब देने का अल्टीमेटम भी होगा। जवाब के बाद आगे की कार्रवाई होगी।