नई दिल्ली: समाचार ऑनलाइन – कुछ महीनों पूर्व हुए पंजाब और महाराष्ट्र कोऑपरेटिव (P MC) बैंक घोटाले को सरकार अब गंभीर नजरिए से देख रही है. इसलिए सरकार ऐसी स्थिति से निपटने के लिए कुछ अहम कदम उठा सकती है, जिसकी जानकारी आम लोगों को होना बेहद जरूरी है.
आपको बता दें कि सरकार बैंक इन्श्योरेसं कवर बढ़ाने संबंधी निर्णय के बारे में सोच रही है. फ़िलहाल बैंक के दिवालिया होने पर खाताधारक को 1 लाख रुपए लौटने का प्रावधान है, जो कि ग्राहक की बीमा राशी होती है. अब सरकार चाहती है कि इस जमा राशि पर मिलने वाली गारंटी की सीमा में वृद्धि कर दी जाए, जिससे ग्राहकों को थोड़ी राहत मिल सके. हालाँकि यह वृद्दि कितनी होगी, इस बारे में अभी कोई जानकारी सामने नहीं आ पाई है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में इस बारे में संकेत दिए है.
इसके अलावा सरकार कोऑपरेटिव बैंक से संबंधित नियमों को कड़े करने की योजना बना रही है, जिससे संबंधित घोषणा संसद के अगले सत्र में हो सकती है. देश में PMC और अन्य बैकों के हालिया वित्तीय संकट को देखते हुए मोदी सरकार यह इन महत्वपूर्ण बिंदूओं पर सोच रही है.
क्या होंगे फायदें –
बता दें कि अगर इससे जुड़े बैंक डिपॉजिट गांरटी बिल को स्वीकृति मिल जाती है, तो ग्राहकों को 1 लाख रुपये से अधिक की सुरक्षा गारंटी राशि मिल सकती है. साथ ही इस निर्णय से लोगों का बैंकिंग सिस्टम पर विश्वास भी बढ़ेगा.
क्या कहता है नियम-
आपको जानकारी के लिए बतादें कि, बैंक डिफॉल्ट या उसके डूबने के बाद डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) की ओर से निर्धारित नियमों के अनुसार, ग्राहकों को 1 लाख रुपये की सुरक्षा की गारंटी मिलती है.