नए वैरिएंट को ‘भारतीय’ कहने पर सरकार ने जताई आपत्ति. कहा-इसे डब्ल्यूएचओ ने नहीं दिया है कोई नाम   

ऑनलाइन टीम. नई दिल्ली : देश में अभी कोरोना वायरस के जिस रूप का कहर नजर आ रहा है, वह कोरोना का चौथा प्रकार माना जाता है। इससे पहले ब्रिटेन, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका में वायरस के अलग-अलग वैरिएंट मिले हैं। मीडिया रिपोर्टों में चौथे वैरिएंट को इसे ‘भारतीय वैरिएंट’ कहा जा रहा है। सरकार ने कहा है कि यह पूरी तरह से गलत है और बिना किसी आधार के है, क्योंकि डब्ल्यूएचओ ने भारत में मिले कोरोना के नए रूप B.1.617 को वैश्विक चिंता के एक प्रकार के रूप में वर्गीकृत किया है।

बुधवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने उन मीडिया रिपोर्ट्स को खारिज किया है, जिनमें कहा जा रहा है कि डब्लूएचओ ने कहा है कि दुनिया के 44 देशों में कोरोना का भारतीय वेरिएंट मिला है। भारतीय स्वरूप नाम दिए जाने पर आपत्ति जताते हुए सरकार ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस वेरिएंट का ‘भारतीय वेरिएंट’ के रूप में जिक्र नहीं किया है।

दअसल, इस म्यूटेंट वायरस का पता पहली बार पांच अक्टूबर, 2020 को चला था। हालांकि, उस वक्त भारत में इसका इतना व्यापक असर नहीं था, जो अभी दिखाई दे रहा है। यह डबल म्यूटेंट वायरस लंग्स के पांच हिस्सों को बूरी तरह डैमेज कर रहा है, यहीं कारण है कि इस वर्ष कोरोना से अधिक मौत के मामले सामने आ रहे हैं। सबसे खास ये है कि वायरस जब भी अपना रूप बदलता है तो कई बार पहले से ज्यादा खतरनाक हो जाता है।  शीर्ष वैज्ञानिकों ने बताया कि डबल म्यूटेंट के तीन रूप को बी.1.617.1, बी.1.617.2 और बी.1.617.3 में बांटा गया है। डबल म्यूटेंट के ये तीनों रूप महामारी को बढ़ाने में कितने जिम्मेदार हैं ये अभी नहीं कहा जा सकता है, लेकिन ये जरूर है कि डबल म्यूटेंट बी.1.167 तीन रूपों में विभाजित हो चुका है।