उद्योगनगरी में रखी गई महाविकास आघाडी की नींव

पिंपरी। संवाददाता – विधानसभा चुनाव के बाद महाराष्ट्र की सियासत में काफी उथल पुथल के बाद शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस, कांग्रेस व अन्य समविचारी दलों की महाविकास (जिसे पहले महाशिव आघाडी का नाम दिया गया था) आघाडी की सरकार बनी। इस महाविकास आघाडी की ओर से शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। इस अनूठे महागठबंधन की गूंज आज पूरे देश में सुनाई दे रही है। मगर क्या आपको पता है इस महाविकास या पहले की महाशिव आघाडी की नींव पुणे से सटे पिंपरी चिंचवड की उद्योगनगरी में रखी गई है? यहाँ चिंचवड विधानसभा चुनाव क्षेत्र में भाजपा के मुकाबले महायुति के बागी प्रत्याशी ने सभी विपक्षी दलों को एक सूत्र में बांधा था। हालांकि यहां जीत भाजपा की ही हुई, मगर न केवल पिंपरी चिंचवड बल्कि पूरे पुणे जिले व पश्चिम महाराष्ट्र में भाजपा की जीत के बजाय महायुति के बागी प्रत्याशी की हार का डंका आज भी बज रहा है।

राज्य में जब शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस और कांग्रेस के बीच सत्ता स्थापना को लेकर मंथन जारी था तब इस गठबंधन को महाशिव आघाडी का नाम दिया गया था। क्योंकि विधानसभा चुनाव में भाजपा- शिवसेना की महायुति के खिलाफ दोनों कांग्रेस और अन्य समविचारी दलों ने महाआघाडी के बैनर तले लड़ा था। इसमें शिवसेना के शामिल होने से उसका नाम महाशिव आघाडी हो गया, बाद में उसे महाविकास आघाडी का नाम दिया गया। हालांकि इस नए पैटर्न की नींव पिंपरी चिंचवड शहर के चिंचवड विधानसभा चुनाव क्षेत्र में रखी गई थी। इसकी शुरुआत पिंपरी मनपा में शिवसेना के गुटनेता रहे राहुल कलाटे ने की थी। उन्होंने चिंचवड़ विधानसभा से विधायकी की हैट्रिक पूरी करने वाले भाजपा के शहराध्यक्ष विधायक लक्ष्मण जगताप को कड़ी टक्कर दी थी। कलाटे ने यह चुनाव निर्दलीय के तौर पर लड़ा था मगर उन्हें राष्ट्रवादी कांग्रेस, कांग्रेस, वंचित बहुजन आघाडी, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना, समाजवादी पार्टी जैसी कई पार्टियों का समर्थन मिला था।

गौरतलब हो कि विधायक लक्ष्मण जगताप के मुकाबले राष्ट्रवादी कांग्रेस का कोई प्रत्याशी दिल से उतरने को तैयार न था। यह चुनाव तो वे डेढ़ से दो लाख वोटों की मार्जिन से जीतेंगे, ऐसे दावे सियासी गलियारों में किये जा रहे थे। मगर शिवसेना के गुटनेता राहुल कलाटे जोकि इस चुनाव में सर्वदलीय प्रत्याशी साबित हुए, ने उन्हें कड़ी टक्कर दी। उन्होंने कुल एक लाख 12 हजार वोट हासिल किए। इसके चलते जगताप को मात्र 38 हजार वोटों की मार्जिन पर संतोष जताना पड़ा। यूं तो यह बढ़त कोई कम मायने नहीं रखती। मगर गत 20 सालों से पिंपरी चिंचवड़ शहर में अपना दबदबा कायम रखने वाले जगताप के नाम के आगे यह लीड जंचती नहीं है। यही वजह है कि आज भी उनकी जीत की बजाय उनके प्रतिद्वंद्वी राहुल कलाटे की हार की चर्चा चहुंओर रही। यही नहीं पूरे क्षेत्र में कलाटे द्वारा मतदाताओं का आभार जताने के लिहाज से लगाए गए होर्डिंग्स भी चर्चा का विषय बने। उन्होंने उन्हें वोट देनेवाले एक लाख 12 हजार वोटरों का आभार जताते हुए उन्हें वोट न देने वाले वोटरों का दिल जीतने का संकल्प किया था। उनके होर्डिंग्स की भी न केवल चर्चा हुई बल्कि उनकी समझदारी और सूझबूझ की सराहना भी की गई।