ठाकरे सरकार के वित्त मंत्री की चिंता बढ़ी, 7वें वेतन आयोग के एरियर्स की राशि के लिए अजीत पवार ने दिए ये संकेत 

मुंबई : समाचार ऑनलाइन – उपमुख्यमंत्री और राज के वित्त मंत्री अजीत पवार ने साढ़े छह लाख करोड़ रुपए के कर्ज से दबे राज्य की तिजोरी का हिसाब किताब सामने रखा है. इस हिसाब किताब के सामने आने से पता चला है कि  सरकार की माली हालत बेहद खस्ता है और उसे सातवें वेतन आयोग के शेष एरियर्स के लिए 25 हज़ार करोड़ की जरुरत है. अब वित्त मंत्रालय को चिंता हो रही है कि ये पैसे कहा से जुटाए जाए.

वित्त मंत्रालय दे अधिकारियो ने अजीत पवार को जो उपाय बताये है उसके तहत सरकार को टैक्स बढाकर राजस्व जुटाने से जुड़ा है.
क्यों आई ये नौबत 
जब उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने वित्त मंत्रालय के कामकाज का जायजा लिया तो  पता चला कि पिछले सरकार तब की फडणवीस सरकार ने राज्य के सरकारी कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग के हिसाब से वेतन देना शुरू कर दिया था. लेकिन आयोग की शिफारिस पिछली तारीख से लागू की गई थी. इस वजह से चार साल के एरियर्स की राशि देना बाकी है.  सातवें वेतन आयोग को 2016 से लागू किया गया था और तभी यह निर्णय भी लिया गया था कि एरियर्स की आधी  राशि पीएफ में जमा कराई जाएगी और बाकी राशि दो चरणों में दी जाएगी।
इतनी रकम कहा से आएगी 
बताया जा रहा है कि   सरकार को 22 से 25 हज़ार करोड़ रुपए की जरुरत होगी। मौजूदा हालत में इतनी बड़ी राशि की व्यवस्था करना काफी मुश्किल है.
कर्ज माफ़ी के लिए भी धन चाहिए 
उद्धव ठाकरे सरकार ने कर्जमाफी की घोषणा की है. इसके अलग से राशि का प्रबंध करना होगा। पवार ने सवाल किया है कि इतना पैसा कहा से आएगा ?  अधिकारियों से सुझाव दिया है कि टैक्स बढाकर राजस्व बढ़ाया जा सकता है, बताया जा रहा है कि अजीत पवार जल्द ही राजस्व विभाग और मुद्रांक शुल्क विभाग की बैठक बुलाएंगे।