किसान आंदोलन का निकलेगा हल…सुप्रीम कोर्ट की कमेटी की पहली बैठक पर लगी नजर, फैसले का इंतजार

नई दिल्ली . ऑनलाइन टीम : कड़ाके की ठंड में केंद्र के फैसले का इंतजार कर रहे आंदोलनकारी किसान अपने जिद पर अड़े हुए हैं।  इस बीच मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी की पहली बैठक हो रही है।  पूसा कैंपस में कमेटी के तीन सदस्य अशोक गुलाटी (कृषि विशेषज्ञ), अनिल घनवत (महाराष्ट्र के बहुचर्चित शेतकारी संगठन के प्रमुख) और प्रमोद जोशी (कृषि मामलों के जानकार) मीटिंग कर रहे हैं। मीटिंग के बाद कमेटी तय करेगी कि कब-कैसे किसानों से बातचीत आगे बढ़ाई जाए और समस्या का सर्वमान्य हल निकाला जाए।

वैसे किसान संगठन इस कमेटी का लगातार विरोध करते आए हैं। उनका कहना है कि कमेटी के सदस्य पहले ही कृषि कानूनों का समर्थन कर चुके हैं। ऐसे में इनसे अपेक्षा नहीं की जा सकती। भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष भूपिंदर सिंह मान पहले ही समिति से अलग हो चुके हैं। किसानों ने भी कमिटी के पास जाने से इनकार कर दिया है। फिर भी कमेटी के फैसले पर नजर हम रखे हुए हैं। चूंकि आज होने वाली सरकार-किसान संगठनों की बैठक टल गई है, जो बुधवार को होगी, इसलिए कमेटी की बैठक पर पूरा ध्यान लगा हुआ है।

दूसरी तरफ, सिख फॉर जस्टिस ग्रुप इस बीच कड़े तेवर अपना रहा है। सिख फॉर जस्टिस ने कहा है कि गणतंत्र दिवस काफी अहम दिन है और सरकार हमारी बात नहीं सुन रही है। ऐसे में पंजाब के किसानों को दिल्ली की बिजली काट देनी चाहिए।  उधर, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों से ट्रैक्टर रैली रोकने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि 26 जनवरी की गरिमा को बरकरार रखें, सरकार सभी मुद्दों पर बातचीत को तैयार है।

बता दें कि इससे पहले सरकार और किसानों के बीच कृषि कानून को लेकर दस दौर की बैठक हो चुकी है। हालांकि अभी तक कोई ठोस नतीजा नहीं निकला है।इससे पहले 15 जनवरी को सरकार और आंदोलनकारी किसान नेताओं के बीच बातचीत एक बार फिर बेनतीजा रही थी। सरकार की ओर से कृषि कानूनों में संशोधन का प्रस्ताव रखा गया, लेकिन किसान नेता इन कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर अड़े हुए थे।