जगन्नाथ मंदिर के दरवाजे  भक्तों के लिए खुले, लेकिन पहले चरण में पुरी के लोग ही दर्शन कर पाएंगे 

पुरी. ऑनलाइन टीम

ओडिशा के पुरी शहर में प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर के दरवाजे बुधवार से भक्तों के लिए खुल गए हैं। श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के मुख्य प्रशासक डॉ कृष्ण कुमार ने कहा कि पुरी के भक्तों को पहले चरण में पांच दिनों के लिए अनुमति दी जाएगी, जिसके बाद राज्य के बाकी हिस्सों के आने वाले लोग मंदिर में दर्शन कर सकेंगे। डॉ कृष्ण कुमार ने कहा, ‘सभी भक्तों के लिए, मंदिर को 3 जनवरी से खुले जाने की उम्मीद है। 3 जनवरी से अधिकतम 5,000 भक्तों को दर्शन की अनुमति दी जाएगी। तीर्थ नगरी में नववर्ष के दिन श्रद्धालुओं की भीड़ की संभावना को देखते हुए मंदिर 1 और 2 जनवरी को बंद रहेगा।

यह पहली बार है कि यहां 23 दिसंबर से तीन दिन मंदिर के सेवक पंडा (पुजारी) और उनके परिवार के सदस्य ही मंदिर में जा सकेंगे। इसके अगले 6 दिन सिर्फ पुरी नगर निगम क्षेत्र के लोगों को अनुमति मिलेगी। अलग-अलग वार्ड के लोग अलग दिन और समय पर अंदर जाकर दर्शन कर पाएंगे।

श्री जगन्नाथ मंदिर मार्च में लॉकडाउन लगने के बाद 25 मार्च से बंद है। श्री जगन्नाथ मंदिर ट्रस्ट के प्रभारी जनसंपर्क अधिकारी जितेंद्र मोहंती ने बताया कि बुधवार से मंदिर दर्शन के लिए खोला जा रहा है। अभी भीड़ न लगे इसके लिए कैटेगरी बांटते हुए अलग-अलग लोगों को अलग-अलग दिन मंदिर प्रवेश की अनुमति दी जाएगी। पहले दिन यहां मंदिर से जुड़े सेवक पंडा जिनकी संख्या करीब 2500 है, उन्हें व उनके परिवार वालों को 23 से 25 दिसंबर तक भगवान के दर्शन की अनुमति दी गई है। इसके बाद 26 से 31 दिसंबर तक पुरी के 32 वार्ड में रहने वाले लोगों को ही दर्शन की अनुमति दी गई है। 1 और 2 जनवरी को मंदिर बंद रहेगा। इसके बाद 3 जनवरी से पुरी से बाहर के लोग भी मंदिर में प्रवेश कर पाएंगे। इसके लिए उन्हें कोरोना टेस्ट की निगेटिव रिपोर्ट अपने पास रखनी होगी। यह रिपोर्ट 48 घंटे से ज्यादा पुरानी नहीं होनी चाहिए।

बता दें कि भुवनेश्वर में अभी 700 मंदिर हैं, जिसके चारों ओर शहर का धार्मिक जीवन घूमता है। राज्य की राजधानी न केवल पर्यटकों के लिए बल्कि तीर्थयात्रियों के लिए भी एक प्रमुख गंतव्य है। राज्य की राजधानी में श्री लिंगराज मंदिर, अनंत वासुदेव मंदिर, मुक्तेश्वर मंदिर, ब्रह्मेश्वर मंदिर, राजरानी मंदिर हिंदुओं के लिए प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में से एक हैं।  जगन्नाथ मंदिर के पुजारियों के शीर्ष निकाय, छतीसा निजोग के बाद यह निर्णय लिया गया, राज्य सरकार को एक प्रस्ताव भेजा गया जिसमें 12 वीं शताब्दी के मंदिर के फिर से खोलने की सिफारिश की गई। इस महीने की शुरुआत में, संबंधित राज्य आयोग ने कोविड -19 प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन करते हुए ओडिशा के मंदिरों को फिर से खोलने की सिफारिश की थी।