भाजपा के बागी नगरसेवकों के भविष्य का फैसला प्रदेश कार्यकारिणी के हाथों

पुणे : समाचार ऑनलाइन – विधानसभा चुनाव में महायुति के प्रत्याशियों के खिलाफ बगावत करनेवाले भाजपा के दो नगरसेवकों को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है। इससे उनके नगरसेवक पद पर भी खतरा मंडरा रहा है। हालांकि इसका अंतिम फैसला पार्टी की प्रदेश कार्यकारिणी पर सौंपा गया है। पार्टी से निष्कासित पिंपरी चिंचवड़ मनपा के नगरसेवकों में बालासाहेब ओव्हाल और सीमा सावले शामिल है।

ओव्हाल ने पिंपरी विधानसभा चुनाव क्षेत्र और सीमा सावले ने अमरावती के दर्यापुर विधानसभा क्षेत्र से बतौर निर्दलीय चुनाव लड़ा था। हालांकि दोनों को असफलता मिली और दोनों ही जगहों पर महायुति के प्रत्याशियों को हार का सामना करना पड़ा। महायुति के प्रत्याशियों के समक्ष बगावत का परचम लहराने से दोनों नगरसेवकों को भाजपा से निष्कासित कर दिया गया है। अब उनके नगरसेवक पद सलामत रहते हैं या फिर उस पर भी गाज गिरती है, यह देखना दिलचस्प होगा।

इस बारे में नगरसचिव विभाग से राय लेने पर पता चला कि बागियों के पदों के बारे में कार्रवाई करने के अधिकार संबंधित पार्टी के घोषित दलनेता के पास है। जब पिंपरी चिंचवड़ मनपा में भाजपा के गुटनेता यानी सभागृह नेता एकनाथ पवार से पूछने पर उन्होंने स्पष्ट किया कि, इसका फैसला प्रदेश कार्यकारिणी से चर्चा करने के बाद लिया जाएगा। बहरहाल पद रद्द करने की कार्रवाई के लिए भाजपा की नजर महायुति के सहयोगी दल शिवसेना की भूमिका पर रहने के आसार हैं। क्योंकि चिंचवड़ विधानसभा चुनाव क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी के समक्ष शिवसेना के नगरसेवक राहुल कलाटे ने भी न केवल बगावत की बल्कि विधायक लक्ष्मण जगताप को कड़ी टक्कर भी दी।