फ्लैट खरीदने को लेकर अदालत ने लिया अहम फैसला ,अब बिल्डर को भी देना होगा बराबर का ब्याज

नई दिल्ली : समाचार ऑनलाईन – किसी फ्लैट का बिल्डर द्वारा देरी से पजेशन देने पर खरीदार पर लगने वाले जुर्माने के बराबर राशि देनी होगी। उपभोक्ता अदालत के इस फैसले से उन तमाम लोगों को राहत मिलेगी, जो खुद ज्यादा ब्याज देते थे, लेकिन बिल्डर बहुत कम ब्याज देता था।

1।5 फीसदी ब्याज देता था बिल्डर
एक रिपोर्ट के मुताबिक पहले बिल्डर फ्लैट देने में देरी करने पर 1।5 से दो फीसदी का ब्याज देता था। वही फ्लैट खरीदारों को भुगतान देर से करने पर 18 फीसदी तक का ब्याज लगता था। हालांकि अब राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने खरीदार के पक्ष में फैसला दिया है। एनसीडीआरसी के अध्यक्ष जस्टिस आर के अग्रवाल और सदस्य एम श्रीशा की पीठ ने आदेश देते हुए कहा कि बिल्डर और खरीदार के बीच इस तरह का अग्रीमेंट होना गलत है। एक रियल एस्टेट कंपनी ऐसा कर नहीं सकती है। यह एक तरह से एकतरफा अग्रीमेंट होता है, जो कि पूरी तरह से गलत है।

एक समान लगे ब्याज
पीठ ने कहा है कि जुर्माने की ब्याज दर बिल्डर और खरीदार पर एक जैसी होनी चाहिए। अगर खरीदार पर 18 फीसदी ब्याज लगता है, तो फिर बिल्डर को भी इतना ही देना चाहिए।
फ्लैट खरीदार की याचिका पर दिया फैसला

एनसीडीआरसी ने एक फ्लैट खरीदार की याचिका पर यह फैसला दिया है। फ्लैट खरीदार ने 2012 में उमंग रियलटेक प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी के विंटर हिल्स 77 प्रोजेक्ट में 83 लाख रुपये में घर खरीदा था। बिल्डर ने 2015 में पजेशन देने का वादा किया था। चार साल बाद भी फ्लैट का पजेशन न मिलने पर खरीदार ने 18 फीसदी प्रतिवर्ष ब्याज के साथ अपना पैसा वापस मांगा।

हालांकि बिल्डर ने कहा कि वो अग्रीमेंट के हिसाब से केवल पांच रुपये प्रति वर्ग फुट के हिसाब से हर्जाना देगी। हालांकि आयोग बिल्डर के पक्ष से संतुष्ट नहीं हुआ और उसने 12 फीसदी की ब्याज दर के हिसाब खरीदार को पैसा और एक लाख रुपये हर्जाना देने का आदेश सुनाया।