आर्थिक आरक्षण का लाभ इस वर्ष नहीं मिलेगा : सुप्रीम कोर्ट 

नई दिल्ली : समाचार ऑनलाईन – महाराष्ट्र में पदव्युत्तर मेडिकल पाठ्यकर्म के लिए 2019-20 के शैक्षणिक वर्ष में प्रवेश की प्रक्रिया में 10 फीसदी आर्थिक आरक्षण लागू होने से पहले शुरू सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि इस  शैक्षणिक वर्ष में आर्थिक आरक्षण का लागू नहीं किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट के कहना है कि मेडिकल कौंसिल ऑफ़ इंडिया ने इन पाठ्यकर्मों के लिए अतिरिक्त सीट क्रिएट नहीं किया है, इसलिए यह आरक्षण लागू नहीं हो सकता है ।
सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने मामले की सुनवाई की 
चीफ जस्टिस ऑफ़ इंडिया रंजन गोगोई और जस्टिस अनिरुद्ध बोस की खंडपीठ के सामने इस मामले की सुनवाई हुई । पदव्युत्तर मेडिकल पाठ्यकर्मके लिए प्रवेश प्रक्रिया नवंबर 2018 से चल रही है । ओपन कैटोगरी के आर्थिक दृष्टि से पिछड़े वर्ग के लिए 10 फीसदी आरक्षण देने वाले प्रावधान को जनवरी 2019 में मंजूर किया गया । जबकि महाराष्ट्र में पदव्युत्तर मेडिकल पाठ्यकर्मके लिए 10 फीसदी आर्थिक आरक्षण मार्च में लागू किया। कोर्ट ने कहा कि फ़िलहाल चल रहे प्रवेश प्रक्रिया में आर्थिक आरक्षण लागू नहीं किया जाएगा क्योंकि यह प्रक्रिया अभी शुरू हुई है ।
ओपन कैटोगरी के विधार्थियों के लिए सीटें कम होगी 
ओपन कैटोगरी के विधार्थी रजत राजेंद्र अग्रवाल ने इस मामले में कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है । महाराष्ट्र सरकार के पदव्युत्तर मेडिकल पाठ्यकर्म के लिए 10 फीसदी आर्थिक आरक्षण के आदेश को चुनौती दी थी । उन्होंने अपनी याचिका में तर्क दिया है कि बिना अतिरिक्त सीट क्रिएट किये आर्थिक आरक्षण को लागू कर दिया गया । इससे ओपन कैटोगरी के विधार्थियों के लिए सीटें कम पड़ जाएगी।