एंटी करप्शन विभाग ने पूर्व उपमुख्यमंत्री अजीत पवार को नागपुर के बाद अमरावती विभाग के सिंचन घोटाले में क्लीनचिट दे दी है.

समाचार ऑनलाइन –  अजीत पवार को सवाल भेजे गए थे अनियमितता की सारी जिम्मेदारी अधिकारियो पर डाली गई है. नियमानुसार क़ानूनी मामलों की जांच की जिम्मेदारी अधिकारियो पर होती है. विभाग का कहना है कि उन्होंने ऐसा नहीं किया। इसलिए अजीत पवार किसी तरह की गड़बड़ी के लिए जिम्मेदार नहीं है. इस तरह की चार्जशीट अमरावती के पुलिस सुप्रीटेंडेंट श्रीकांत धीवरे ने नागपुर खंडपीठ में सबमिट की है. अमरावती विभाग के विशेष जांच टीम ने जिगांव और अन्य 6 सिंचन प्रोजेक्ट में गड़बड़ी को लेकर पवार की भूमिका की जांच की. पवार को सवाल भेजे गए थे. इसका पवार दवारा दिया गया जवाब से उनके खिलाफ सिंचाई घोटाले की जिम्मेदारी तय नहीं की जा सकती है.
अधिकारियों पर डाली गई सारी जिम्मेदारी 
जल संसाधन मंत्री विदर्भ जलसिचाई विकास बोर्ड के पदसिद्ध अध्यक्ष होते है. लेकिन महाराष्ट्र सरकार के कामकाज के विषय के नियमानुसार जल संसाधन विभाग के सचिव ने विदर्भ जल सिंचाई विकास बोर्ड के कानून के अनुसार महामंडल के कार्यकारी संचालकों ने सिंचाई प्रोजेक्ट के टेंडर, खर्च मंजूरी को लेकर क़ानूनी बातों की जांच जरुरी थी. इसमें कुछ अवैध होने की जानकारी जल संसाधन मंत्रालय के संज्ञान में आया था. इसमें कहा गया है कि अधिकारियो की गड़बड़ी के लिए अजीत पवार को दोषी नहीं माना जा सकता है.