वह दांव फंस गया, आख़िरकार देवेंद्र फडणवीस ने माना ! 

मुंबई : समाचार ऑनलाइन – विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी रही भाजपा को  सत्ता से दूर रहना पड़ रहा है. चुनाव परिणाम के पहले दिन शिवसेना मुख्यमंत्री पद को लेकर अड़ गई थी. लेकिन भाजपा ने  शिवसेना की मांग पर कोई रिस्पांस दिया नहीं दिया। इसके बाद शिवसेना ने कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस के साथ जाने का निर्णय लिया। लेकिन इस सत्ता के खेल  कई ट्विस्ट आये. 
शिवसेना-कांग्रेस-राष्ट्रवादी ने मिलकर महाविकास आघाडी की सरकार गठन के लिए बातचीत जब अंतिम दौर में था तभी राष्ट्रवादी नेता अजीत पवार ने देवेंद्र फडणवीस के साथ हाथ मिलाकर देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद और अजीत पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली. लेकिन फडणवीस की यह ख़ुशी कुछ घंटे ही रही. कुछ ही घंटो  के बाद अजीत पवार ने अपने पद  इस्तीफा  दे दिया।
इन सारे घटनाक्रम पर देवेंद्र फडणवीस ने एक न्यूज़ चैनल को इंटरव्यू दिया है. उन्होंने कि सरकार गठन के दो  दिन पहले इस पर चर्चा हुई थी. हमारे नेतृत्व में कुछ बातें हो रही थी. 22 नवंबर की रात जिस वक़्त इन बातों को  अजीत पवार हमारे पास आये.   उन्होंने कहा था कि शिवसेना-कांग्रेस-राष्ट्रवादी मिलकर सरकार नहीं चला  सकते है. इसके बाद हमने सरकार बनाने की तैयारी शुरू की. राष्ट्रवादी के अधिकांश विधायकों  का  भी यही मत था.
हमें उनके साथ जाना चाहिए था या नहीं इस पर विवाद हो  सकता है. लेकिन उस वक़्त का हमारा  दावा सही था. लेकिन यह दांव फंस गया.