मराठा आरक्षण पर ठाकरे सरकार जारी करे श्वेत पत्र: चंद्रकांत पाटिल

मुंबई : राज्य में मराठा समाज  परेशान है, लेकिन राज्यपाल के अभिभाषण में इसका उल्लेख तक नहीं हुआ। ठाकरे सरकार के कार्यकाल में मराठा समाज असमंजस में है। इस सरकार के कुछ मंत्री ओबीसी समाज को असुरक्षित महसूस कराने की कोशिश कर रहे हैं। उच्च न्यायालय से स्थगिती मिलने के बाद सरकार ने क्या किया, इसकी सच्चाई जनता के सामने आनी चाहिए। इसके लिए विधानसभा सत्र के दौरान 8 मार्च से पहले श्वेत पत्र जारी करे। यह मांग विधायक और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने मंगलवार को विधानसभा में की है।

पाटिल ने कहा कि 8 मार्च से उच्च न्यायालय में मराठा आरक्षण मामले में अंतिम सुनवाई शुरू होनेवाली है। इसके बाद इस मामले में फैसला सुनाया जाएगा। इस बारे में सरकार क्या कर रही है? उच्च न्यायालय में अभी तक कितनी सुनवाई हुई है। कितनी तारीख़े हुई है? किस वकील ने सरकार का पक्ष रखा? वकील में समन्वय था क्या? मुंबई से कोई मंत्री या एडवोकेट जनरल दिल्ली सुनवाई के लिए जाते थे क्या? इन सभी विषयों की जानकारी देने वाली श्वेत पत्रिका सरकार जारी करे।

भाजपा सांसद उद्यनराजे भोसले ने कहा कि मराठा आरक्षण राज्य के विधानसभा और विधान परिषद में मंज़ूर होने के बाद उसकी अमलबाजी करना राज्य सरकार की ज़िम्मेदारी थी। हालांकि राज्य सरकार के पास इच्छाशक्ति की कमी है। मराठा आरक्षण के बारे में आउट ऑफ द बॉक्स जाकर विचार करना पड़ेगा।