तेलंगाना : रोडवेज कर्मियों की आत्महत्या के बाद आंदोलन तेज

हैदराबाद (आईएएनएस) : समाचार ऑनलाईन – तेलंगाना राज्य सड़क परिवहन निगम (टीएसआरटीसी) के दो कर्मियों द्वारा आत्महत्या करने और दो अन्य कर्मियों द्वारा आत्महत्या का प्रयास करने के बाद बसों की हड़ताल 10वें दिन सोमवार को और तेज हो गई। हड़ताल कर रहे हजारों कर्मियों ने एक ड्राइवर और एक कंडक्टर के आत्महत्या कर लेने के बाद सोमवार को हड़ताल और तेज कर दी।

ड्राइवर श्रीनिवास रेड्डी द्वारा खुद को आग लगाने के बाद सोमवार को अविभाजित खम्माम जिले में ‘बंद’ रहा।

शनिवार को खम्माम में खुद को आग लगाने वाले रेड्डी की रविवार सुबह हैदराबाद में मौत हो गई।

इसके कुछ ही घंटों के बाद हैदराबाद में एक कंडक्टर सुरेंद्र गौड़ ने अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी।

कर्मचारी संघों की जॉइंट एक्शन कमेटी (जेएसी) के हड़ताल के आवाह्न पर अविभाजित खम्माम जिला में दुकानें, व्यापारिक और शिक्षण संस्थान बंद रहे।

विपक्षी कांग्रेस, भाजपा, तेदेपा, भाकपा, माकपा और अन्य दलों तथा छात्र इकाइयों ने हड़ताल को अपना समर्थन देने की घोषणा की।

जेएसी ने आत्महत्याओं को सरकार द्वारा हत्या करना बताया।

दोनों कर्मियों को मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव के उस फैसले के बाद अपनी नौकरी जाने का डर था, जिसमें उन्होंने कहा था कि लगभग 48,000 कर्मियों ने सरकार द्वारा तय अंतिम तिथि से पहले काम पर नहीं लौटकर अपनी नौकरी गंवा दी है।

उन्होंने हड़ताल को अवैध बताते हुए कर्मियों की सभी मांगें रद्द कर दी थीं और उनके साथ किसी भी प्रकार की बात करने से इंकार कर दिया था।

मुख्यमंत्री ने टीएसआरटीसी अधिकारियों को ड्राइवरों, कंडक्टरों और अन्य कर्मियों को अस्थाई तौर पर नियुक्त करने के लिए भी कहा था। उन्होंने अधिकारियों को बसों का संचालन 21 अक्टूबर तक पूरी तरह सामान्य करने के निर्देश दिए थे।

जेएसी ने इस सप्ताह कई प्रदर्शन कर हड़ताल को और तेज करने का फैसला किया है, तो सरकार ने स्कूलों और कॉलेजों की दशहरा की छुट्टियां और बढ़ा दी हैं। जेएसी ने 19 अक्टूबर को प्रदेशव्यापी ‘बंद’ की भी घोषणा की है।

दशहरा की 15 दिनों की छुट्टियों के बाद सोमवार को खुलने जा रहे शिक्षण संस्थान अब 19 अक्टूबर तक बंद रहेंगे।

टीएसआरटीसी प्रबंधन का दावा है कि वह अस्थाई ड्राइवरों की सहायता से प्रतिदिन 5,000 बसों का संचालन करता है।

प्रादेशिक संस्था में कुल 10,500 बसें हैं, जिनपर हैदराबाद और 32 अन्य जिलों में प्रतिदिन लगभग एक करोड़ लोग यात्रा करते हैं।

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