बेकार सिल्क से बनाई दूषित जल साफ करने की तकनीक

पुणे : समाचार ऑनलाइन – डिफेंस इंस्टीट्यूट आफ एडवांस्ड टेक्नोलॉजी (डीआईएटी) ने बेकार हो चुके सिल्क से पर्यावरण अनुकूल ऐसा कपड़ा तैयार करने का दावा किया है जिसका इस्तेमाल तेल के रिसाव के दौरान समुद्री जल को साफ करने और दूषित पानी के उपचार में किया जा सकता है। शोधकर्ताओं के मुताबिक, यह कपड़ा एक स्पंज की तरह काम करता है और पानी से तेल को सोख सकता है।
उन्होंने बताया कि सुपर हाइड्रोफोबिक- सुपर ओलियोफोबिक”, प्राकृतिक रूप से नष्ट हो जाने वाले इस कपड़े को महाराष्ट्र के नासिक जिले के येवला के सिल्क बुनकरों से लिए गए बेकार सिल्क नमूनों का प्रयोग कर तैयार किया है। संस्थान के मेटलर्जिकल एंड मैटीरियल्स इंजीनियिरंग के प्रमुथ प्रोफेसर बालसुब्रह्मण्यम ने कहा, “उद्योगों से निकलने वाला दूषित तैलीय अपशिष्ट जल और पेट्रोलियम तेलों की ढुलाई के दौरान समुद्रों में अक्सर होने वाले तेल रिसाव को सुपरहाइड्रोफोबिक बेकार सिल्क द्वारा आसानी से साफ किया जा सकता है।”
बालसुब्रह्मण्यम के मार्गदर्शन में डीआईएटी और ऑस्ट्रेलिया की इंस्टीट्यूट फॉर फ्रंटियर मैटीरियल्स डायकिन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने यह कपड़ा तैयार किया है। उन्होंने कहा कि यह कपड़ा तेल-पानी के मिश्रण को 95 प्रतिशत वियोजन क्षमता के साथ अलग-अलग कर सकता है और इसके लिए ऐसे एक कपड़े का 30 बार प्रयोग किया जा सकता है।