तरुण तेजपाल पर 19 फैसला मई को, सहकर्मी से यौन उत्पीड़न का है आरोप   

ऑनलाइन टीम. नई दिल्ली : ‘तहलका’  के पूर्व संपादक तरुण तेजपाल के खिलाफ सहकर्मी से यौन उत्पीड़न के मामले में गोवा के एक कोर्ट में 19 मई को फैसला सुनाया जाएगा। एडिशनल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट को इस मामले पर पहले 10 मई को फैसला सुनाना था, मगर जज क्षमा जोशी ने बाद में सुनवाई 12 मई तक के लिए स्थगित कर दी थी। अब एक बार फिर सेशन कोर्ट ने दुष्कर्म के इस मामले पर सुनवाई टाल दी है। इस मामले पर अगली सुनवाई के लिए 19 मई की तारीख तय की गई है। अदालत ने कहा कि फैसला सुनाने की तारीख को कोरोना वायरस महामारी के कारण आगे बढ़ाया गया है और अदालत इस दौरान केवल 15 प्रतिशत स्टाफ के साथ काम कर रही है। तेजपाल पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 341, 342, 354, 354ए, 354बी, 376(2) (एफ) और 376(2)(के) के तहत आरोप लगाए गए हैं।

यह है पूरा प्रकरण

तरुण तेजपाल पर नवंबर 2013 में उनकी एक महिला सहकर्मी ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। आरोपों के मुताबिक गोवा में हुए तहलका के ‘थिंक फेस्ट’ इवेंट के दौरान तेजपाल ने पणजी के एक फाइव स्टार होटल की लिफ्ट में दो बार महिला का यौन उत्पीड़न किया था। इस मामले में केस दर्ज होने के बाद 30 नवंबर को उनकी गिरफ्तारी हुई थी। हालांकि जून 2014 में जमानत मिलने के बाद से ही वे बाहर चल रहे हैं।  अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को खारिज करते हुए वे कहते रहे हैं कि गोवा में भाजपा सरकार ने राजनीतिक प्रतिशोध के तहत उन्हें फंसाया है।

ऐसे मिली प्रसिद्धि

साल 2000 में तहलका ने पहला स्टिंग ऑपरेशन क्रिकेट में होने वाली मैच फिक्सिंग को लेकर किया। एक साल बाद 2001 में उनका दूसरा स्टिंग ऑपरेशन रक्षा सौदों में होने वाली दलाली को लेकर था। जिसका नाम ‘ऑपरेशन वेस्ट एंड’ था।  इसके तहत जिन फुटेज को रिलीज किया गया, उसमें काल्पनिक हथियार सौदा कराने के बदले सरकारी अफसर और नेता कैमरे पर रिश्वत लेते दिखे थे। इस स्टिंग के सामने आने के बाद तत्कालीन सत्तारुढ़ पार्टी के अध्यक्ष और रक्षामंत्री को इस्तीफा देना पड़ा था। इस स्टिंग ने दुनियाभर में सनसनी बटोरी थी और तरुण तेजपाल को इससे काफी प्रसिद्धि भी मिली थी।