क्या है मामला
गौरतलब है कि तन्वी सेठ उर्फ सादिया अनस ने 19 जून को नया पासपोर्ट के लिए आवेदन किया था जबकि मोहम्मद अनस सिद्दीकी ने अपना पासपोर्ट रिन्यू कराने के लिए जमा किया था। दो नाम को लेकर तन्वी का पासपोर्ट ऑफिस के सीनियर सुपरिंटेंडेंट विकास मिश्रा से विवाद हो गया था। जिसके बाद तन्वी ने आरोप लगाये थे कि विकास ने उनके धर्म को लेकर टिप्पणी की। मामले ने तब तूल पकड़ लिया जब तन्वी ने इस संबंध में विदेशमंत्री सुषमा स्वराज से गुहार लगाईं। इसके बाद 21 जून को तन्वी सेठ को बिना पुलिस वेरिफिकेशन हाथोंहाथ पासपोर्ट मिल गया। विकास ने अपनी सफाई में कहा था कि मैंने तन्वी से फ़ार्म में सादिया अनस नाम का जिक्र करने को बोला था लेकिन इसी बात का बतंगड़ बना दिया गया।
रद्द हो तबादला
अब जब मामला पूरी तरह साफ़ हो गया है तो भाजपा ने भी विकास मिश्रा का तबादला रद्द करने की मांग की है। पार्टी के प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा कि अगर विकास ने कोई गलती नहीं की है तो फिर उनको सजा क्यों मिले। तन्वी सेठ के आरोप के बाद उन्हें गोरखपुर ट्रांसफर कर दिया गया था। वे इन दिनों छुट्टी पर चल रहे हैं।