अब  महिलाओं की तस्वीरों से छेड़छाड़ संभव नहीं, सरकार ने लगाई बंदिशें-24 घंटे में हटानी होंगी 

नई दिल्ली. ऑनलाइन टीम : सोशल मीडिया पर अश्लीलता की हदें पार हो रही हैं। अभी बुधवार को ही नागपुर की एक महिला को  पाकिस्तान के मोबाइल नंबर से एक फोन आया। फोन करने वाले ने धमकी दी कि मेरा कहा मानो, नहीं तो तुम्हारे अश्लील फोटो वायरल कर देंगे। महिला हैरान रह गई। ऐसी कोई तस्वीरें उसने कहीं शेयर की ही नहीं थी। बात पुलिस तक पहुंची तो पता चला कि किसी ने महिला के वाट्सएप डीपी से उसकी फोटो निकालकर छेड़छाड़ किया और फिर अश्लील फोटो महिला के वाट्सएप पर भेज दिया। ऐसे एक नहीं, अनेकों मामले रोज सामने आ रही हैं। महिलाएं लगातार शर्मसार हो रही हैं, पर उनके लिए अब अच्छी खबर है।

सरकार ने सोशल मीडिया मंचों का दुरुपयोग रोकने के लिए गुरुवार को नई गाइडलाइंस की घोषणा की है। इसके तहत अब सोशल मीडिया प्लेटफार्म को यूजर्स की शिकायतों की सुनवाई के लिए ग्रीवांस रीड्रेसेल मैकेनिज्म बनाना होगा। वहीं ओटीटी प्लेटफार्म को सेल्फ रेगुलेशन करना होगा। नए दिशा-निर्देशों के तहत संबंधित कंपनियों के लिए शिकायत अधिकारी की नियुक्ति करना, शरारतपूर्ण सूचना की शुरुआत करनेवाले प्रथम व्यक्ति का खुलासा करने और अश्लील सामग्री तथा महिलाओं की तस्वीरों से छेड़छाड़ जैसी सामग्री को 24 घंटे के भीतर हटाना अनिवार्य कर दिया गया है।

देश में 53 करोड़ वाट्सअप यूजर्स है, 44.8 करोड़ यूट्यूब, 41 करोड़ फेसबुक, 21 करोड़ इंस्टा और 1.75 करोड़ ट्विटर यूजर्स हैं। सरकार या अदालत के कहने पर सोशल मीडिया मंचों को शरारतपूर्ण सूचना की शुरुआत करनेवाले प्रथम व्यक्ति का खुलासा करना होगा।  सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने नए दिशा-निर्देशों की घोषणा करते हुए कहा कि सोशल मीडिया मंचों के बार-बार दुरुपयोग तथा फर्जी खबरों के प्रसार के बारे में चिंताएं व्यक्त की जाती रही हैं, पर अब सरकार ‘सॉफ्ट टच’विनियमन ला रही है।

नए नियमों के अनुसार, सोशल मीडिया कंपनियों को शिकायत अधिकारी की नियुक्ति करनी होगी जो 24 घंटे के भीतर शिकायत दर्ज करेगा। शिकायत समाधान अधिकारी का निवास भारत में होना चाहिए तथा सोशल मीडिया मंचों को मासिक रूप से अनुपालन रिपोर्ट देनी होगी। सरकार या अदालत के कहने पर सोशल मीडिया मंचों को शरारतपूर्ण सूचना की शुरुआत करने वाले प्रथम व्यक्ति का खुलासा करना होगा।