नई दिल्ली. ऑनलाइन टीम : नए कृषि कानूनों को लेकर किसानों और सरकार के बीच जारी गतिरोध को दूर करने के लिए दिल्ली के विज्ञान भवन में 11वें दौर की वार्ता चल रही है। बैठक में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और सोमप्रकाश मौजूद हैं। दूसरी तरफ, दिल्ली की सीमाओं पर लगातार 56वें दिन भी किसानों का हल्लाबोल जारी है।
ऑल इंडिया किसान फेडरेशन के अध्यक्ष प्रेम सिंह भंगू ने कहा कि उम्मीद है कि कि सरकार आज गतिरोध दूर करने का मन बनाकर आई होगी। हमारे नेताओं ने तो स्पष्ट कह दिया है कि कानून रद्द करने का मन बनाकर ही आए, तो अच्छा, क्योंकि MSP पर कानून बनाने से नीचे कोई बात शुरू नहीं होगी। किसान यहां से तब तक वापस नहीं जाएगा जब तक सरकार MSP पर कानून, 3 कानूनों की वापसी और स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट को लागू नहीं करेगी।
The tenth round of talks between farmer unions and the Centre over the three farm laws begins at Vigyan Bhawan in New Delhi. https://t.co/oqPjGpHgyu pic.twitter.com/XrpvrwWxKy
— ANI (@ANI) January 20, 2021
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने भी कहा कि सरकार को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर एक कानून बनाना ही होगा और तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करना होगा। हमारा विरोध सरकार और कॉर्पोरेट सिस्टम के खिलाफ है।
गौरतलब है कि 15 जनवरी को केंद्र सरकार और किसान यूनियनों के बीच बातचीत के दौरान केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा था कि यूनियनों को आपस में अनौपचारिक समूह बनाने और अपनी मांगों के बारे में सरकार को एक मसौदा प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है। सरकार ‘खुले मन’ से मसौदे पर विचार करेगी। समाधान तक पहुंचने के लिए केंद्र सकारात्मक है। दसरी तरफ, केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री पुरषोत्तम रूपाला ने कहा था कि, ‘‘जब किसान हमसे सीधी बात करते हैं तो अलग बात होती है लेकिन जब इसमें नेता शामिल हो जाते हैं, अड़चनें सामने आती हैं। अगर किसानों से सीधी वार्ता होती तो जल्दी समाधान हो सकता था। चूंकि विभिन्न विचारधारा के लोग इस आंदोलन में प्रवेश कर गए हैं, इसलिए वे अपने तरीके से समाधान चाहते हैं। आज का नतीजा क्या निकलता है, इस पर पूरे देश की नजर टिकी है।