टीका के पहले और बाद के हालात पर रखें ध्यान, बेहद जरूरी है यह  

नई दिल्ली. ऑनलाइन टीम : देश में  कोरोना वैक्सीन टीकाकरण अभियान जोरदार ढंग से जारी है। सबसे बड़ी बात यह है कि इक्का-दुक्का छोटी-मोटी परेशानियों को छोड़ दें तो कोई प्रतिकूल प्रभाव का मामला सामने नहीं आया है। कोवैक्सीन के बारे में तो यहां तक दावा किया जा रहा है कि नए स्ट्रेन पर भी वह 81 फीसदी तक कारगर है।

शुरुआती चरण में वैक्सीन को लेकर झिझक जरूरी थी। आग में घी डालने का काम कर रही थीं राजनीतिक बयानबाजियां, लेकिन अब सब थम गया है। दूसरे चरण के तहत ही राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री सहित अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भी टीका लिया। फिर भी कतिपय सावधानियां बरतनी जरूरी है। मसलन,  अगर कोई व्यक्ति खून को पतला करने की कोई दवा ले रहा है या किसी अन्य बीमारी के लिए दवाईयां ले रहा है तो इस बात की जानकारी वैक्सीन लेने से पहले स्वास्थ्यकर्मियों को जरूर दे। साथ ही याद रखे कि अगर कोरोना वैक्सीन लगने के बाद गंभीर किस्म की एलर्जी होती है तो टीके की अगली डोज लेने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर ले।

जानने की जरूरी बातें-

-टीकाकरण से पहले, अच्छी तरह से खाना खाएं और दवाई लें। बाद में जितना संभव हो सके, आराम करे।
-दूसरी डोज भी उसी कंपनी की लें, जिसकी पहले ली है।  अगर कोविशील्ड की पहली डोज ली है, तो दूसरी डोज भी कोविशील्ड की ही लगेगी।

-इंजेक्शन साइट पर दर्द और बुखार जैसे दुष्प्रभाव आम हैं। कुछ ही दिनों में ऐसी परेशानियां दूर हो जाती हैं।

-टीका लगवाने के बाद कम से कम 45 दिनों तक अल्कोहल का सेवन नहीं करना चाहिए।

प्रोटोकॉल नहीं भूलें : महाराष्ट्र के कोविड-19 टास्क फोर्स के सदस्य डॉ. शशांक जोशी ने कहा कि भारत में इस्तेमाल होने वाले दोनों टीके, भारत बायोटेक के कोवैक्सिन और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के कोविशील्ड बिल्कुल सुरक्षित हैं। उन्होंने कहा मामूली साइड-इफेक्ट्स कोई भी टीका इस्तेमाल करने के बाद देखने को मिलता है। कोरोना वैक्सीन लगवाने वालों को भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना अनिवार्य होगा। छह फीट की दूरी संक्रमण रोकने का अच्छा तरीका है। वैज्ञानिकों के मुताबिक पर्याप्त सामाजिक दूरी ने कोरोना महामारी की शुरुआत से संक्रमण के खतरे को कम करने में मदद की है।

भारत में यह 16 जनवरी से शुरू किया गया, जिसमें पहले चरण के तहत स्वास्थ्यकर्मियों और फ्रंटलाइन वर्कर्स को प्राथमिकता दी गई। दूसरे चरण के तहत 60 साल से अधिक की उम्र के लोगों और 45 साल से अधिक की उम्र के उन लोगों को वैक्सीन लगाई जा रही है, जो पहले से किसी तरह की बीमारी से ग्रस्त हैं।