सफाईकर्मियों ने किया पिंपरी चिंचवड़ मनपा मुख्यालय जाम

पिंपरी। सँवाददाता – सड़कों की सफाई आधुनिक मशीनों से करने के लिए पिंपरी चिंचवड मनपा द्वारा 650 करोड़ रुपये का टेंडर जारी किया है। टेंडर में ‘रिंग’ होने के आरोपों के चलते यह काम विवादों में घिर गया है। दूसरी ओर ठेकेदारी पर सड़कों की सफाई करनेवाले करीबन 1100 सफाईकर्मियों पर बेरोजगारी की आफत मंडरा रही है। इन कर्मचारियों ने गुरुवार की शाम मनपा मुख्यालय पर मोर्चा निकाला और मनपा के दोनों प्रवेशद्वार पर बैठक मारकर जाम लगा दिया। इसके चलते महापौर उषा ढोरे समेत मनपा के कई पदाधिकारी, नगरसेवक, अधिकारी, कर्मचारी और मनपा में अपने कामों के लिए आये ठेकेदारों व नागरिक दो घन्टे तक मुख्यालय में ही फंसे रहे।

महापौर समेत कइयों ने ग्रेडप्रेटर के सामने से मनपा मुख्यालय में आनेवाली सीढ़ियों से बाहर निकलकर दूसरे वाहनों से अपने गंतव्य तक पहुंचने में भलाई समझी। सफाईकर्मियों के इस आंदोलन में राष्ट्रवादी कांग्रेस के  नगरसेवक दत्ता साने, शिवसेना की जिला संगठक सुलभा उबाले, संदीपान झोंबाडे,  प्रल्हाद कांबले भी शामिल हुए थे। करीबन सात बजे के आसपास मनपा आयुक्त ने आंदोलनकारियों के प्रतिनिधि मंडल से चर्चा कर उनके ज्ञापन को स्वीकारा, इसके बाद हो दोनों प्रवेश द्वारों पर बैठक मारे बैठे सफाईकर्मी, जिनमें महिलाएं बड़ी संख्या में शामिल रही, पीछे हटे। तब कहीं जाकर मनपा मुख्यालय में दो घन्टे तक फंसे हुए नगरसेवक, पदाधिकारी, अधिकारी, कर्मचारी और नागरिक मनपा से बाहर निकल सके।
ज्ञातव्य है कि, मनपा के आठ क्षेत्रीय कार्यालय के अंतर्गत सड़कों और पुणे- मुंबई हाइवे की रोजमर्रा की सफाई मशीनीकरण से करने का फैसला किया गया है। 1670 किमी लंबी सड़क की साफ सफाई के काम को छह पैकेज में बांटकर सात सालों के लिए 647 करोड़ रुपए के टेंडर जारी किए गए हैं। ये टेंडर विशिष्ट ठेकेदारों को नजरों के सामने रखकर निकाले गए हैं और उनके हिसाब से ही टेंडर की शर्तें तय की गई हैं। इस तरह के आरोपों के  चलते यह टेंडर प्रक्रिया विवादों में घिर गई है। इस फैसले से 1100 सफाईकर्मियों पर बेरोजगारी की आफत आएगी, नतीजन यह टेंडर रद्द करने की मांग इस आंदोलन के जरिये की गई।