स्वारगेट के स्टॉलधारकों ने मनपा से लिखित आश्वासन मांगा, नहीं तो करेंगे आंदोलन

पुणे : समाचार ऑनलाईन – मेट्रो स्टेशन के कार्यों की वजह से स्वारगेट स्थित जेधे चौक के प्रभावित हुए स्टॉलधारकों को मुंबई रेलवे स्टेशन परिसर के अंडरपास की तरह गाले बनाकर देने या मेट्रो स्टेशन के बाहर आउटगेट परिसर में खाली जगहों पर गाले का निर्माण कर देने का मनपा अतिक्रिमण विभाग प्रमुख ने आश्वासन दिया है। लिखित आश्वासन देने की मांग शहीद भगत सिंह मिनी मार्केट स्टॉलधारकों के संघटना ने की है। संघटना के अध्यक्ष रमेश रावणे ने इस संदर्भ में मनपा के अधिकारियों और पदाधिकारियों को अपनी मांगों का ज्ञापन शनिवार को सौंपा। साथ ही आश्वासन पूरे नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है। मनपा अतिक्रमण विभाग ने 10 जून 2015 को जेधे चौक से सटे पिछले 40 वर्षों से व्यवसाय कर कर रहे व्यवसायियों को 10 जून को यहां से हटा दिया।

अतिक्रमण विभाग के प्रमुख माधव जगताप ने बैठक की
ज्ञापन में कहा गया है कि यहां के सारे स्टॉल अधिकृत होने के बावजूद मनपा ने जेसीबी की मदद से बेहद निर्दयता के साथ स्टॉलों को हटाया। इसे लेकर व्यवसायियों द्वारा आवाज उठाये जाने पर अतिक्रमण विभाग के प्रमुख माधव जगताप ने व्यवसायियों के साथ बैठक कर कार्रवाई गलत तरीके से की गई इसे माना है। उन्होंने स्टॉलधारकों को यही पर पक्के गाले बनाकर देने का आश्वासन दिया। उन्होंने बताया कि मनपा ने इस दिशा में प्रक्रिया शुरू की थी। लेकिन मेट्रो प्रोजेक्ट को मंजूरी मिलने से गाले का काम रोक दिया गया है। शनिवार को यहां पर मेट्रो स्टेशन बनाने का काम शुरू किया गया। लेकिन पिछले 4 वर्ष से व्यवसाय बंद होने की वजह से व्यवसायी बेरोजगार होने के साथ कर्ज में डूब गए हैं।

पाटिल प्लाजा के सामने फुटपाथ पर पुनर्वसन किया गया
फिलहाल स्टॉलधारकों का पाटिल प्लाजा के सामने फुटपाथ पर पुनर्वसन किया गया है। अतिक्रमण विभाग के प्रमुख माधव जगताप ने फिर से व्यवसायियों के साथ बैठक कर कहा कि यह पुनर्वसन अस्थायी है। मेट्रो स्टेशन का काम होने के बाद इन स्टॉलधारकों को स्टेशन परिसर में गाले बनाकर दिए जाएंगे। इस आश्वासन के बाद स्टॉलधारकों ने पुनर्वसन का विरोध नहीं किया और कहा कि मनपा जहां कहेगी वहां व्यवसाय करेंगे। लेकिन महामेट्रो के अधिकारियों ने स्टेशनों में शॉपिंग मॉल, ऑफिसेस होने की बात कह रहे हैं। इसलिए स्टॉलधारकों के मन में डर बैठ गया है। स्टॉलधारकों ने मन की शंका को दूर करने के लिए बैठक में मौखिक रूप से दिए गए आश्वासन को लिखित रूप से देने की मांग की है। संघटना की तरफ से कहा गया है कि व्यवसायियों को गाले नहीं मिले तो इनका परिवार बिखर जाएगा। ऐसी स्थिति में स्टॉलधारकों के सामने भूख हड़ताल के सिवा कोई दूसरा विकल्प नहीं बचेगा।