पुणे : समाचार ऑनलाईन – लोकसभा चुनाव जीतने के बाद गिरीश बापट द्वारा पालकमंत्री पद से इस्तीफा दिए जाने से पुणे जिले के नए पालकमंत्री की नियुक्ति को लेकर उत्सुकतावश देखा जा रहा था। शुक्रवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इसका सस्पेंस दूर करते हुए राज्य सरकार में नँबर दो की पोजीशन पर रहे चन्द्रकांत पाटिल को पुणे का नया पालकमंत्री घोषित किया। उनके पास रही जलगांव जिले के पालकमंत्री की जिम्मेदारी राज्य के जलसंपदा मंत्री गिरीश महाजन को सौंपी गई है।
पुणे के नवनिर्वाचित सांसद गिरीश बापट ने दो दिन पहले ही पालकमंत्री पद से इस्तीफा सौंपा है। लोकसभा चुनाव में उनके प्रत्याशी घोषित किए जाने के बाद से ही जिले के नए पालकमंत्री की नियुक्ति को लेकर उत्सुकतावश देखा जा रहा था। इसकी होड़ में पुणे से भाजपा के विधायक रहे सामाजिक न्याय राज्यमंत्री दिलीप कांबले, मावल से विधायक रहे पुणे जिला भाजपा के अध्यक्ष बाला भेगड़े, चिंचवड़ से विधायक रहे भाजपा की पिंपरी चिंचवड़ इकाई के शहराध्यक्ष लक्ष्मण जगताप शामिल थे।
लोकसभा चुनाव में मिली अपार सफलता के बाद पुणे के पालकमंत्री की होड़ में कई नाम और जुड़ गए। इसमें राज्य सरकार के राजस्व मंत्री चन्द्रकांत पाटिल, जलसंपदा मंत्री गिरीश महाजन और हाल ही में कांग्रेस पार्टी और विधायकी से इस्तीफा देनेवाले राधाकृष्ण विखे पाटिल शामिल थे। इनमें पाटिल का नाम सब्स ऊपर चल रहा था। उसी में दो दिन पहले वे दिल्ली ‘दरबार’ में भी हो आए। अंततः आज पुणे जिले के नए पालकमंत्री को लेकर रहा सस्पेंस दूर हो गया और यह नई जिम्मेदारी पाटिल को ही सौंपी गई।
पाटिल के पास जलगांव जिले के पालकमंत्री पद का पदभार कम कर जलसंपदा मंत्री गिरीश महाजन को सौंपा गया। पाटिल की नियुक्ति से पुणे, पिंपरी चिंचवड़ और मावल के हाथ फिर निराशा लगी है। चार माह बाद राज्य में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में किसी एक विधायक को पालकमंत्री बनाकर दूसरे विधायकों की नाराजगी मोल लेना पार्टी के नुकसानदेह साबित हो सकता है। शायद यही वजह है कि स्थानीय विधायकों की बजाय जिले से बाहर के वरिष्ठ नेता को पालकमंत्री नियुक्त करने का फैसला भाजपा के शीर्ष स्तर पर लिया गया होगा।