सुशीलकुमार शिंदे को युवा साहित्य अकादमी पुरस्कार

नई दिल्ली/मुंबई : समाचार ऑनलाईन – मराठी साहित्यिक सुशीलकुमार शिंदे द्वारा लिखित मराठी काव्य-संग्रह शहर आत्महत्या करायचं म्हणतंय को इस साल का युवा साहित्य अकादमी पुरस्कार घोषित हुआ है। इसके अलावा हातकणंगले तहसील के तलंदगे के सलीम सरदार मुल्ला के मराठी उपन्या जंगल खजिन्याचा शोधफ को बालसाहित्य अकादमी पुरस्कार देने की घोषणा की गई। 14 नवंबर को बालदिवस पर आयोजित साहित्य अकादमी के विशेष समारोह में साहित्यकारों को पुरस्कार दिये जायेंगे। पुरस्कार के रूप में उन्हें 50 हजार रुपये व कांस्यपदक दिया जायेगा।

साहित्य अकादमी के अध्यक्ष डॉ। चंद्रशेखर कांबर की अध्यक्षता में अगरतला में संपन्न कार्यकारी मंडल की बैठक में साहित्य अकादमी पुरस्कार-2019फ की घोषणा की गई, जिनमें देश में कुल 23 प्रादेशिक भाषाओं के युवा साहित्यकारों के नाम घोषित हुए। मराठी भाषा के युवा पुरस्कार संबंधी निर्णायक समिति में गणेश आवटे, प्रफुल्ल शिलेदार व श्रीकांत देशमुख शामिल थे, जबकि मराठी के बाल साहित्य पुरस्कार की निर्णायक समिति में रंधीर शिंदे, अतुल पेठे व मीना गवानकर सम्मिलित थे।

युवा पुरस्कार के लिए 23 प्रादेशिक भाषाओं के 11 काव्य-संग्रहों, 6 लघुकथाओं, 5 उपन्यासों व एक समीक्षात्मक पुस्तक को पुरस्कार हेतु चुना गया। साहित्य अकादमी के पुरस्कार 1955 से हर साल भारतीय भाषाओं की श्रेष्ठतम कृतियों को दिए जाते हैं। इनमें अनुवाद, युवा व बाल-साहित्य पुरस्कार शामिल हैं। कुल 24 भारतीय भाषाओं के चयनित साहित्य को इन पुरस्कारों से अलंकृत किया जाता है। इस साल मैथिली भाषा के पुरस्कार की घोषणा होनी बाकी है। सलीम मुल्ला के उपन्यास में वनस्पतियों की तस्करी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश करने वाली बच्चों की टीम का वर्णन है। मुल्ला वन विभाग में लंबे समय तक वन संरक्षक के पद पर कार्य कर चुके हैं।