‘शाह’ के सूरमा : हुकूमत का ‘खजाना’ खुलते ही दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने खोली ‘एके-47’ (आईएएनएस इनसाइड)

नई दिल्ली, 17 फरवरी (आईएएनएस)| दिल्ली पुलिस के 73वें स्थापना दिवस समारोह में रविवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जब पुलिस को सम्मान का हकदार करार दे रहे थे, उस वक्त दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल भी खुद को ‘शाह का सूरमा’ साबित करने की तैयारियों में जुटी हुई थी। अमित शाह ने खुले मंच से ऐलान किया था कि, जो पुलिस जनता की खुशी के लिए अपनी खुशियां और जान न्योछावर करने को तत्पर रहती है, उसे हम दुखी नहीं रहने देंगे। इतना ही नहीं उसी वक्त केंद्रीय गृह मंत्री ने दिल्ली पुलिस को करोड़ों रुपये के वाहन, सीसीटीवी कैमरा और कर्मचारियों के रहने के लिए करीब 225 करोड़ की लागत से 700 फ्लैट मुहैया कराये जाने का ऐलान भी किया था।

किंग्जवे कैंप स्थित नई पुलिस लाइन में उस वक्त दिल्ली पुलिस कमिश्नर से लेकर तमाम आईपीएस मौजूद थे। दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के दबंग एनकाउंटर स्पेशलिस्ट पुलिस उपायुक्त प्रमोद कुमार सिंह कुशवाहा थोड़ा विलंब से पहुंच पाये। कारण पूछने पर उन्होंने रविवार को आईएएनएस को बताया था, “कुछ काम चल रहा है। उसी में लगे हुए थे। जल्दी ही अच्छी खबर की उम्मीद रखो।”

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा दिल्ली पुलिस की खुशियों की खातिर खोले गये सरकारी खजाने की घोषणा की गई। डीसीपी स्पेशल सेल प्रमोद कुमार सिंह कुशवाहा से आईएएनएस की चंद लम्हों की रविवार को दिल्ली पुलिस स्थापना दिवस समारोह में हुई उस बातचीत को अभी चंद घंटे ही गुजरे थे कि सोमवार सुबह-सुबह करीब 5 बजे खबर मिल गयी कि, स्पेशल सेल के डीसीपी प्रमोद कुमार सिंह कुशवाहा की टीम ने दो खूंखार बदमाशों राजा पहलवान उर्फ रफीक और रमेश राजू को दिल्ली के पुल प्रहलादपुर इलाके में ढेर कर दिया है। पुलिस और बदमाशों ने एक दूसरे पर जमकर गोलियां झोंकी। मुठभेड़ में दोनो बदमाश मौके पर ही ढेर हो गये।

अमित शाह ने भाषण के दौरान रविवार को दिल्ली पुलिस की सराहना करते हुए दावा किया था “दिल्ली पुलिस सन 1950 में देश के पहले गृह मंत्री और दिल्ली पुलिस की स्थापना करने वाले लौह पुरुष सरदार बल्लभ भाई पटेल की कही हुई बातों को अमल में लाकर काम कर रही है। जोकि पुलिस की आने वाली पीढ़ियों के लिए भी प्रेरणादायी है। शाह का इशारा था कि, पटेल ने दिल्ली पुलिस को बेहद शांत रहकर काम करने की सीख दी थी। नवंबर और दिसंबर 2019 में जिस तरह हुई हिंसा-आगजनी (तीस हजारी कोर्ट कांड और जामिया जाकिर नगर हिंसा) की घटनाओं में भी दिल्ली पुलिस ने सब्र से काम लिया, अंतत: वही सब्र दिल्ली पुलिस की जीत का कारण साबित हुआ।”

दिल्ली पुलिस के बहादुर अफसर और जवानों को पदक से सम्मानित करने के बाद दिये भाषण में केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा था कि, “जनमानस का हित करने वाली दिल्ली पुलिस कभी भी किसी भी चीज के लिए दुखी नहीं रहेगी। जल्दी ही दिल्ली पुलिस के लिए 1600 मोटर साइकल, करीब साढ़े चार हजार अन्य वाहन, व 9 हजार से ज्यादा सीसीटीवी मिलने वाले हैं।” अमित शाह जब इन करोड़ों रुपयों की सौगात की घोषणा कर रहे थे तब तक दिल्ली पुलिस स्थापना दिवस समारोह में मौजूद सैकड़ों आईपीएस अफसरों से लेकर मीडिया के हुजूम तक में किसी को अंदाजा नहीं था कि, शाह के इन बोल के मायने क्या हैं?

दरअसल यह तो सोमवार तड़के पता चला कि, रविवार को जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह दिल्ली पुलिस की तारीफ करके उस पर सरकारी खजाने को खोल दिये जाने की घोषणा कर रहे थे, तब वहां थोड़े बिलंब से पहुंचे दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के डीसीपी कुशवाहा अपने विश्वासपात्र मातहत निशानेबाजों के साथ एक बेहद गोपनीय बैठक में अहम रणनीति बनाकर पहुंचे थे। और वो रणनीति थी सोमवार सुबह ढेर हुए दोनो खूंखार बदमाशों को जिंदा दबोचने की। यह अलग बात है कि, बदमाशों ने सरेंडर करने के बजाये दिल्ली पुलिस के ऊपर गोलियां चला दीं। बचाव में दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल (नई दिल्ली रेंज) के निशानेबाजों ने भी खुलकर गोलियां चलाईं। इस जबरदस्त गोलीबारी में दोनो बदमाश मारे गये।