Surekha Punekar | राष्ट्रवादी में ही प्रवेश क्यों ? सुरेखा पुणेकर ने बताया ‘कारण’

ढेबेवाडी (सातारा) (Dhebewadi/Satara News) : हमने अब तक कला की बहुत सेवा की है, अब हम गरीब जनता, महिलाओं और लोक कलाकारों की समस्याओं (Surekha Punekar) का समाधान करना चाहते हैं। इसके लिए मैंने आम आदमी के विकास के लिए जुनून रखनेवाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (Nationalist Congress Party) को चुना है। आज पार्टी में मेरा प्रवेश होने वाला है। इसके पीछे कोई राजनीतिक महत्वाकांक्षा या अपेक्षा नहीं है; लेकिन अगर पार्टी भविष्य में कोई जिम्मेदारी सौंपती है, तो मैं पीछे नहीं हटूंगी,  ऐसा प्रसिद्ध लावणी सम्राज्ञी सुरेखा पुणेकर (Surekha Punekar) ने कहा।

उम्र के आठवें वर्ष में पैर में घुंघरू बांधकर तमाशा से लावणी व टीवी शो-फिल्म ऐसे कठिन सफर तय करने वाली पुणेकर आज फिल्म, कला, साहित्य और सांस्कृतिक विभाग मुंबई (Cultural Department Mumbai)  के प्रदेश अध्यक्ष मनोज व्यवहारे (Manoj Vyawahare) के मार्गदर्शन में और उपमुख्यमंत्री अजित पवार (Ajit Pawar) की उपस्थिति में आज राष्ट्रवादी में शामिल होंगी। इस मौके पर उन्होंने कहा, “लोक कला को प्रस्तुत करने के लिए छोटे गांवों से लेकर बड़े शहरों तक का लंबा सफर तय किया है। गरीब जनता की समस्याओं को नजदीक से देखा है। लगता था उनकी समस्या को आगे ले कर आऊं, लेकिन सिर्फ भावनात्मक होकर चुप बैठने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। समस्याओं को हल करने के लिए राजनीतिक बल चाहिए इसलिए मैंने राष्ट्रवादी को चुना है।

यह विकास की स्पष्ट दृष्टि वाली पार्टी है, जिसके अध्यक्ष वरिष्ठ नेता शरद पवार (Sharad Pawar), उपमुख्यमंत्री अजित पवार और सांसद सुप्रिया सुले गरीबों, मेहनती लोगों और कलाकारों के विकास के जुनून के साथ नेताओं के रूप में हैं। अगर मैं राजनीति में भी जाऊं तो मेरी कला और मेरे अंदर का कलाकार नहीं रुकेंगे। कार्यक्रम शुरू है और शुरू ही रहेंगे। वर्तमान में कई कलाकार राजनीति और कला के क्षेत्र में काम कर रहे हैं, मैं उसी के अनुरूप योगदान दूंगी। कोरोना की वजह से कला क्षेत्र बेहद खराब स्थिति से निकल रहा है। कलाकारों की स्थिति दयनीय है। बीच में कुछ लोगों ने अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली।  घर में कमाने वाले और पांच से दस मुंह खाने वाले हैं ऐसे कई छोटे कलाकारों की स्थिति हैं। कार्यक्रम बंद होने के कारण कुछ लोग सब्जियां बेच रहे हैं और कुछ बर्तन धो रहे हैं। कलाकार भी इस भावना को व्यक्त करते हैं कि भूखे रहने से बेहतर है कि कोरोना से मर जाएं। अब यह राजनीतिक मंच उनके मुद्दों को सुलझाने में मेरे बहुत काम आएगा।”

मेरी कला के प्रशंसक पूरे राज्य में है। मेरी प्राथमिकता राष्ट्रवादी के माध्यम से महिलाओं के संगठन को मजबूत करना और आम जनता और कलाकारों की समस्याओं का समाधान करना होगा।

-सुरेखा पुणेकर, लावणी सम्राज्ञी (Surekha Punekar)