सुप्रीम कोर्ट से ‘इस’ फैसले की उम्मीद नहीं थी, देवेंद्र फडणवीस का बड़ा ‘खुलासा’

नई मुंबई: समाचार ऑनलाइन: फडणवीस ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि “हमने नहीं सोचा था कि शिवसेना, कांग्रेस और राकांपा द्वारा दायर की गई याचिका का परिणाम भाजपा और अजीत पवार द्वारा गठित सरकार के खिलाफ जाएगा।” एक अख़बार को दिए इन्टरव्यू में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इसके अलावा कुछ और भी खुलासे किए हैं.

क्या सुप्रीम कोर्ट के नतीजे के बाद अजीत पवार ने आपका साथ छोड़ दिया?

क्या सुप्रीम कोर्ट के नतीजे के बाद अजीत पवार ने आपका साथ छोड़ दिया? यह सवाल पूछे जाने पर  फडणवीस ने कहा कि, ” यह अजीत पवार ही बता सकते हैं कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के कारण वे पीछे हटे थे या नही.”  उन्होंने आगे कहा कि, “विधानसभा के नियम संविधान के तहत बनाए गए नियम हैं. इसलिए, वे संवैधानिक हैं.”

फडणवीस का कहना है कि रूल्स ऑफ़ बिजनेस के अनुसार कार्यभार संभालते रहे, इस नियम पर आधारित फैसले की उम्मीद थी. लेकिन हमें यह उम्मीद नहीं थी कि सुप्रीम कोर्ट ऐसा फैसला सुनाएगा. लेकिन ठीक है,  अदालत ने जो फैसला दिया उसे हमने मान्य किया.

सरकार बनने के बाद अजीत पवार ने भाजपा का साथ क्यों छोड़ा?

यह पूछे जाने पर कि सरकार बनने के बाद अजीत पवार के साथ ऐसा क्या हुआ कि उन्होंने भाजपा छोड़ दी. इस पर फडणवीस ने खुलासा किया कि, “वास्तव में,  इसका जवाब सिर्फ अजीत पवार ही दे सकते हैं कि उन्होंने कोर्ट के फैसले बाद साथ क्यों छोड़ा. लेकिन उन्होंने मुझे सिर्फ इतना बताया था कि, मैं अपने  कुछ व्यक्तिगत कारणों से आपके साथ नहीं रह सकता. इसलिए मैं वापस जा रहा हूं.” साथ ही फडणवीस ने यह भी कहा कि, अजित पवार के साथ पर्दे के पीछे बहुत सारी चीजें हुई हैं, जिन्हें वे उचित समय आने पर जगजाहिर करेंगे.

शिवसेना, राष्ट्रवादी और कांग्रेस पार्टियों ने अजीत पवार के साथ मिलकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी जिसमें कहा गया था कि सरकार गलत तरीके से बनी थी। इसके बाद, दो दिन की सुनवाई के बाद  अदालत ने 26 नवंबर को अपना फैसला सुनते हुए भाजपा और अजीत पवार को बहुमत परीक्षण करने का आदेश दिया था. अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि बहुमत परीक्षण के बिना गुप्त रूप से नहीं होगा, बल्कि इसका वीडियो बनाया जाए.

इसके बाद  अजीत पवार ने उपमुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और देवेंद्र फड़नवीस ने भी मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. नतीजतन भाजपा-अजीत पवार की सरकार गिर गई. कुल मिलाकर, पूरी सत्ताधारी पार्टी को आखिरकार एक विराम मिल गया और महाविकास के नेतृत्व वाली सरकार का गठन हुआ।

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