सुप्रीम कोर्ट के फैसले का जल्द हिंदी में होगा अनुवाद 

नई दिल्ली : संवाददाता – सुप्रीम कोर्ट के फैसले का शीघ्र ही हिंदी में भी अनुवाद किया जायगा. मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई  ने कहा कि हम चाहते है कि जो फैसले सुप्रीम कोर्ट देता है वह वादी के समझ में आना चाहिए.

मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि मान लीजिये कि कोई व्यक्ति 30 साल तक मुकदमा लड़ता है और उसके बाद अंग्रेजी में आए फैसले में उसे घर संपत्ति से बेदखल कर दिया जाता है. अगर वह अंग्रेजी में दिए इस फैसले को पढ़ नहीं सकता और और उसका वकील भी समय की कमी के कारण पूरा फैसला समझता नहीं है या फिर इसके लिए पैसे की मांग करता है ये भी ठीक नहीं.

गोगोई ने कहा कि हम अगर फैसले का उसकी भाषा  में अनुवाद करवा देंगे तो उसे समझने में आसानी होगी. जस्टिस गोगोई ने कहा कि हम यह प्रोजेक्ट जल्द शुरू करेंगे. पहले यह हिंदी में होगा उसके बाद इसे अन्य भाषा में शुरू किया जायगा.

जस्टिस गोगोई ने कहा फैसले कि समरी मिलेगी. जैसे ट्रिपल तलाक का फैसला चार सौ पन्नों में था लेकिन इसकी समरी कुछ पन्नों में ही बन सकती है. इसके लिए थिंक टैंक बनाया गया है जो यह काम करेगा. फैसले की समरी को फैसला देने वाले जजों की मंजूरी के बाद ही सार्वजानिक किया जाएगा.