दुर्लभ कैंसरग्रस्त ट्यूमर निकालने की सफल सर्जरी

पिंपरी। एक 35 वर्षीय महिला के पेट में ट्यूमर का पता चल ने पर, उसे डॉ डी वाय पाटिल मेडिकल कॉलेज, अस्पताल और अनुसंधान केंद्र में भर्ती कराया गया। आवश्यक परीक्षणों के बाद, यह पाया गया कि एक बहुत ही दुर्लभ (2 लाख रोगियों में एक रोगी में पाया जाता है) पेट की मुख्य रक्त वाहिका के साथ एक कैंसरग्रस्त ट्यूमर था। इस तरह की सर्जरी बहुत जोखिम भरी होती है और इसे ठीक करने का एकमात्र तरीका सर्जरी है। ऐसे मामलों में कीमो और रेडियोथेरेपी का उपयोग नहीं किया जाता है।
सर्जरी के दौरान, ट्यूमर मुख्य रक्त वाहिका से लिव्हर और किडनी  जैसे महत्वपूर्ण अंगों में फैला हुआ था, नसों में भारी रक्तस्राव को नियंत्रित करके, इस ट्यूमर को सफलता पूर्वक निकला गया। डॉ. समीर गुप्ता, डाॅ. पंकज क्षीरसागर, डाॅ संकेत बनकर और डॉ सुयश अग्रवाल, कैंसर सर्जन की टीम के ने इस प्रक्रिया को अंजाम दिया। गाँठ के साथ रक्त वाहिका के लगभग आठ सेमी लंबाई का टुकड़ा निकालना पड़ा। व्हॅसक्यूलर सर्जन, डॉ. हर्षवर्धन ओक और डॉ नूपुर सरकार द्वारा ये सर्जरी की गई।
यह जटिल सर्जरी, जो लगभग दस घंटे तक चली, भूल विशेषज्ञ डॉ स्मिता जोशी की टीम ने सहयोग किया उसके बाद मरीज को चार दिन के लिए आईसीयू में रखा गया। ट्यूमर का निदान करने के लिए रेडियोलॉजी विभाग के प्रमुख राजेश कुबेर और उनके सहयोगियों ने बहुत मदद की और पॅथॉलॉजी विभागा की डॉ चारुशीला गोरे के मार्गदर्शन मिला । इस सर्जरी को महात्मा फुले जनआरोग्य योजना के अंतर्गत कि गई  और इस मरीज में कैंसर का खतरा पूरी तरहसे खतम हो गया है। इस  मरीज को अस्पताल से घर छोड़ने पर उनके रिश्तेदार बहुत भावुक हुए।
इस तरह की जोखिम भरी और जटिल सर्जरी बहुत कम होती हैं और दुनिया भर में अब तक केवल 400 ऐसी सर्जरी की गई हैं। दुनिया भर में इस अस्पताल व् उनके  डॉक्टरों की प्रशंसा की जा रही है। डॉ डी वाय पाटिल मेडिकल कॉलेज के कुलपति डॉ पी डी पाटिल, उप कुलपति डॉ भाग्यश्री पाटिल, ट्रस्टी डॉ यशराज पाटिल, मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमरजीत सिंह और महाविद्यालय के डीन डॉ जे एस भवालकर के सहयोग और मार्गदर्शन के कारण, डॉ डी वाई पाटिल अस्पताल में कई कैंसर सर्जरी की जा रही हैं