Success Story: माँ ने घर-घर जाकर बनाई रोटियां, पिता ने बेचीं चाय और अंडे, अब बेटा बना IAS अफ़सर

समाचार ऑनलाइन- अगर किसी में कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो उसे कोई दिक्कत, परेशानी या विपरीत हालात हरा नहीं सकते. इस बात को सूरत के सफीन हसन ने सही साबित करके दिखा दिया है. हसन आज IAS अधिकारी है. उन्होंने साल 2017 में UPSC सिविल सर्विस परीक्षा को दूसरे ही अटैम्प्ट में 570वीं रैंक के साथ क्रैक किया, लेकिन उनकी यहां तक पहुंचने की राह बेहद ही तकलीफों भरी रही. जब वें IAS की तैयारी कर रहे थे, उस समय उनके पापा चाय बेचते थे और माँ लोगों के घरों में जाकर रोटियां बनाने का काम करती थी. लेकिन आज उनके परिवार को उन पर गर्व है.

माता-पिता ने खो दी थी नौकरी

हसन के माता-पिता सूरत के एक डायमंड यूनिट में नौकरी करते थे, लेकिन किन्हीं वजहों के चलते उनकी नौकरी छूट गई. इसके बाद परिवार के आर्थिक हालात बेहद खराब हो गए थे. ऐसे में हसन के पिता ने कभी चाय और अंडे बेचे तो, कभी इलेक्ट्रीशियन का कम किया.वहीं माँ ने कई घरों में रोटियां बनाने का काम किया.

ऐसे मिली प्रेरणा

आर्थिक तंगी से जूझते हुए हसन ने पढ़ाई जारी रखी. सफीन ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग में एडमिशन लिया. इस बीच हसन ने उनके गाँव में DM एक दौरे पर आए थे. हसन ने उस समय DM के काम और उनकी पोस्ट की महत्ता को जाना, जिससे वे बेहद प्रभावित हुए. इसके बाद उन्होंने IAS अधिकारी बनने की ठान ली.

ऐसे पाया अपना लक्ष्य

इसके बाद वे सिविल सर्विस परीक्षा की तैयारी के लिए दिल्ली गए. करीब 2 साल तक उन्होंने वहां कड़ी मेहनत की. लेकिन पैसों की तंगी ने उनका यहां भी पीछा नहीं छोड़ा. इसके लिए उन्होंने उनके परिचित से आर्थिक मदद ली. इसी बीच किसी दुर्घटना में उनका हाथ भी बुरी तरह से जख्मी हो गया. इसके बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और अपनी तैयारी जारी रखी. इसके बाद उन्होंने दोबारा UPSC की परीक्षा दी, जिसमें वे सफल साबित हुए. इस परीक्षा में उन्होंने 570वीं रैंक प्राप्त की.