गतिरोध दूर….नए कृषि कानूनों के अमल पर अंतरिम रोक, सुप्रीम कोर्ट ने समाधान के लिए कमिटी गठित करने को कहा

नई दिल्ली. ऑनलाइन टीम : सुप्रीम कोर्ट  ने अगले आदेश तक कृषि कानूनों के अमल पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने साथ ही इस मुद्दे के समाधान के लिए कमिटी गठित करने का आदेश पारित कर दिया है। समस्या के समाधान के लिए अब कमिटी बातचीत करेगी।  चीफ जस्टिस एस ए बोबडे ने कहा कि कमिटी इस मामले में न्यायिक प्रक्रिया का हिस्सा होगी। हम कृषि कानून को निलंबित करने की योजना बना रहे हैं, लेकिन अनिश्चितकाल के लिए नहीं।

चीफ जस्टिस ने कहा कि यह कमिटी सबकी सुनेगा। जिसे भी इस मुद्दे का समाधान चाहिए वह कमिटी के पास जा सकता है। यह कोई आदेश नहीं जारी करेगा या आपको सजा नहीं देगा। यह केवल हमें अपनी रिपोर्ट सौंपेगा। उन्होंने कहा कि हम एक कमिटी का गठन करते हैं, ताकि हमारे पास एक साफ तस्वीर हो।

नए कृषि कानूनों के खिलाफ  जारी गतिरोध को तोड़ते हुए अदालत ने कहा कि हम यह नहीं सुनना चाहते हैं कि किसान कमिटी के पास नहीं जाएंगे। हम समस्या का समाधान करना चाहते हैं। अगर आप अनिश्चितकाल के लिए प्रदर्शन करना चाहते हैं तो आप ऐसा कर सकते हैं।  बता दें कि  17 दिसंबर 2020 को शीर्ष अदालत ने विरोध जताने को मौलिक अधिकार बताते हुए किसानों को हिंसा या किसी भी नागरिक के जीवन या संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के बिना विरोध जारी रखने की अनुमति दी थी।

चीफ जस्टिस ने पूछा हमारे पास एक आवेदन है जिसमें कहा गया है कि प्रतिबंधित संगठन इस प्रदर्शन में मदद कर रहे हैं। क्या अटॉर्नी जनरल इसे मानेंगे या इनकार करेंगे। इसपर अटॉर्नी जनरल जनरल के के वेणुगोपाल ने कहा हमने कहा था कि प्रदर्शन में खालिस्तानियों की घुसपैठ है। इसपर कोर्ट ने कहा कि ऐसा है तो ऐसे में केंद्र सरकार कल तक हलफनामा दे। जवाब में अटॉर्नी जनरल हम हलफनामा देंगे और आईबी रेकॉर्ड भी देंगे।