चेन्नई : समाचार ऑनलाईन – कहा जाता है कि पेट की आग सबसे बड़ी आग होती है। पेट जो न कराये वहीं कम है। एक बार भूख लगती है फिर कुछ नहीं सूझता है। अपराधियों को इसलिए जेल भेजा जाता है कि वो अपने गुनाह से सबक सीख सकें, लेकिन तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में एक अजोबोगरीब मामला सामने आया है। यहां एक शख्स सिर्फ इसलिए जेल गया, क्योंकि उसे वहां का जायकेदार भोजन करना था। इसके लिए उसने पहले एक बाइक चुराई और फिर घटना वाली जगह पर तब तक घूमता रहा, जब तक पुलिस ने उसे गिरफ्तार नहीं कर लिया।
दरअसल, 52 वर्षीय ज्ञानप्रकाशम चोरी के आरोप में पहले जेल गया था। जेल से बाहर आने के बाद उसे भरपेट खाना नहीं मिल रहा था। ढलती उम्र में वह ढंग से कामकाज भी नहीं करता था। इस वजह से उसने फिर से एक बाइक चुराने का प्लान बनाया। बाइक चुराते समय उसने सीसीटीवी कैमरे में अपना चेहरा दिखाया और उसके बाद घटना वाली जगह के आसपास घूमता रहा ताकि पुलिस उसे गिरफ्तार कर सके।
जेल में तीन टाइम मिलता था खाना
एसीपी पी अशोकन ने बताया कि जेल के बाहर आने के बाद से घर वाले ज्ञानप्रकाशम की देखभाल नहीं कर रहे थे। उसे भरपेट खाना भी नहीं मिल रहा था। वह जेल से बाहर आने के बाद खुश नहीं था। आरोपी ने पुलिस को बताया कि जेल में बंद रहने के दौरान उसकी जिंदगी सुकून से गुजर रही थी। वहां उसे नए-नए दोस्त मिले थे। सुबह नाश्ता, दोपहर में लंच और रात में बढ़िया डिनर समय पर मिलता था।
जेल के दोस्तों की आ रही थी याद
ज्ञानप्रकाशम ने पुलिस को बताया कि जेल में उसे कोई आलसी नहीं कहता था, जबकि घर आने के बाद उसे रोज ताने मिलते थे। जेल के आने के बाद वह बिल्कुल भी खुश नहीं था। उसे खाना नहीं मिलता था और जेल के दोस्तों को याद करता था। वह उनसे वापस मिलना चाहता था। इसलिए उसने दोबारा बाइक चोरी की। पुलिस ने आरोपी ज्ञानप्रकाशम को जेल भेज दिया।