‘स्टेच्यू ऑफ यूनिटी’ पहली बार किसी प्रधानमंत्री के पोस्टरों की सुरक्षा में पुलिस हुई तैनात

अहमदाबाद : समाचार ऑनलाइन – दुनिया की सबसे बड़ी प्रतिमा ‘स्टेच्यू ऑफ यूनिटी’ का परिसर दूधिया रोशनी से दमकने लगा है। वहीं, प्रतिमा सुनहरी रोशनी से दमक रही है। 31 अक्टूबर को प्रतिमा के शुभारंभ से पहले ही गुजरात के नर्मदा जिले में ‘स्टैचू ऑफ यूनिटी’ के उद्घाटन का विरोध किया जा रहा है जिसमे शामिल जनजातीय लोगों ने नरेंद्र मोदी और सरदार पटेल की ‘स्टैचू ऑफ यूनिटी’ की तस्वीर वाले पोस्टरों को फाड़ दिया और उसपे कालिख पोत दी है। जानकारी के अनुसार, नर्मदा जिले के जनजातीय समूह 2010 से ही इस प्रॉजेक्ट का विरोध कर रही हैं।

एक अधिकारी ने शनिवार को बताया कि पूरे नर्मदा जिले में मोदी, मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और समारोह की तस्वीर वाले 90 फीसदी पोस्टरों को या तो फाड़ दिया गया या फिर उन पर कालिख पोत दी गई। एक जनजातीय नेता प्रफुल वसावा ने कहा, ‘यह इस बात का स्पष्ट प्रमाण है कि जनजातीय समुदाय बीजेपी से कितना असंतुष्ट है। उन्होंने कहा, ‘अधिकारियों ने फटे पोस्टरों को नए पोस्टर से बदल दिया है और पुलिस इन पोस्टरों की सुरक्षा कर रही है। यह दुनिया में शायद पहली बार हो रहा है कि किसी प्रधानमंत्री के पोस्टरों की सुरक्षा पुलिस द्वारा की जा रही है।’

परंपरा के अनुसार, जनजातीय गांवों में जब लोग मौत का शोक मनाते हैं,तो उनके घरों में खाना नहीं पकता है। वसावा ने कहा, ‘जनजातीय के रूप में सरकार ने हमारे अधिकारों का हनन किया है। गुजरात के महान सपूत के खिलाफ हमारा कोई विरोध नहीं है। सरदार पटेल और उनकी इज्जत बनी रहनी चाहिए। हम विकास के भी खिलाफ नहीं हैं, लेकिन यह परियोजना हमारे खिलाफ है।’