ST Workers Strike | ST कर्मचारी आंदोलन पर अड़े; विधायक गोपीचंद पडलकर, पूर्व मंत्री सदाभाऊ खोत ने आजाद मैदान में गुजारी रात 

मुंबई (Mumbai News) : पिछले कुछ दिनों से राज्यभर में एसटी कर्मचारियों की चल रही हड़ताल (ST Workers Strike) और भड़क गई  है।  एसटी  महामंडल (ST  Corporation) के  राज्य सरकार (State Government) में विलय  की मांग को लेकर कर्मचारियों ने हड़ताल (ST Workers Strike) का रास्ता पकड़ रखा है।
राज्य के एसटी  डिपो (ST Depot) के कर्मचारी आंदोलन (Protest) कर रहे थे लेकिन अब इन कर्मचारियों ने मुंबई (Mumbai) के आज़ाद मैदान की तरफ कूच कर लिया है।  आजाद मैदान (Azad Maidan) में बड़ी संख्या में एसटी  कर्मचारी और उनके परिवार के लोग जमा हो गए है।  इस आंदोलन में भाजपा विधायक गोपीचंद पड़लकर (Gopichand Padalkar), पूर्व मंत्री सदाभाऊ खोत (Sadbhau Khot) सक्रियता से शामिल हो गए है।

बुधवार की रात डटे रहे

पडलकर और सदाभाऊ खोत ने बुधवार की रात आजाद मैदान (Azad Maidan) में गुजारी।  हड़ताल कर रहे कर्मचारियों के साथ भोजन करने के बाद वही पर दोनों नेता सो गए।  इस आंदोलन (Protest) को लेकर दोनों नेताओं ने राज्य सरकार (State Government) पर तीखा हमला बोला है।  उन्होंने कहा कि 35 एसटी  कर्मचारियों (ST Workers) ने आत्महत्या की है।  मराठी के नाम पर वोट मांगने वाले लोग इस पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है।  सरकार ने रास्ता नहीं निकाला तो आंदोलन और तेज़ होगा।  सरकार कर्मचारियों पर दबाव डालने का प्रयास कर रही है।  आंसू पोछने की बजाय नौकरी से निकालने की कार्रवाई हो रही है।  कोई व्यक्ति तभी आत्महत्या (Suicide) करता है जब उसे आगे कुछ नज़र नहीं आता है।  आत्महत्या करने वाले कर्मचारियों को लेकर आपको कुछ समझ नहीं आता है क्या ? यह सवाल भाजपा विधायक गोपीचंद पडलकर ने सरकार से किया है।

 

गोपीचंद पडलकर (Gopichand Padalkar) ने कहा कि राज्य सरकार एसटी  कर्मचारियों की मांग पर रास्ता निकालने को तैयार नहीं है। सरकार को रास्ता नहीं निकालना है।  मंत्रियों के पास चर्चा करने का वक़्त नहीं है।  कर्मचारियों की मांग सुनने के लिए कोई अधिकारी नहीं आ रहे है।  चर्चा से रास्ता निकाला जा सकता है।  लेकिन सरकार को कर्मचारियों से कोई लेना देना नहीं है।  आत्महत्या जैसा कदम कर्मचारी क्यों उठा रहे है ? यह सरकार को समझ नहीं आ रहा है क्या ?
परिवहन मंत्री अनिल परब (Transport Minister Anil Parab) को मंत्री पद से इस्तीफा देना चाहिए।  एसटी  कर्मचारियों ने आंदोलन में  किसी भी पार्टी का झंडा नहीं लगाया है।  कर्मचारियों को इंसान की तरह देखे।  मराठी कर्मचारी आजाद मैदान में बैठे है।  पाकिस्तान, चीन के लोग आकर नहीं बैठे है।  समाज के सभी वर्गों का समर्थन इन कर्मचारियों को प्राप्त है।  मराठी मानुस अपना अधिकार मांग रहे है तो आप देने को तैयार नहीं है।  इस तरह के शब्दों में सदाभाऊ खोत ने राज्य सरकार (State Government) पर हमला बोला है।
एसटी  कर्मचारियों की हड़ताल (ST Workers Strike) से बस सेवा (Bus Service) पूरी तरह से ठप हो गई है।  हर दिन सफर करने वालों के लिए बड़ी समस्या खड़ी हो गई है।  इस आंदोलन में अब राजनीति शुरू होने से इसके लंबा खींचने की आशंका है।

 

 

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