आध्यात्मिक गुरु दादा वासवानी पंचतत्त्व में विलीन

पुणे। समाचार ऑनलाइन

आजीवन शांति और शाकाहार का प्रचार-प्रसार करनेवाले आध्यात्मिक गुरू दादा जे.पी. वासवानी का बीते दिन 99 साल की उम्र में निधन हो गया। साधु वासवानी मिशन के आध्यात्मिक प्रमुख वासवानी अगले महीने ही 100 वर्ष पूरे करने वाले थे। शुक्रवार की दोपहर तीन बजे साधु वासवानी मिशन से उनकी अंतिम यात्रा निकाली गई। इसके पश्चात सरकारी सम्मान के साथ उनकी पार्थिव देह का अंतिम संस्कार किया। यहाँ दादा के प्रवचनों की वीडियो दिखाई गई। हजारों अनुयायियों के बीच उन्हें अंतिम विदाई दी गई।

सिंधी समुदाय के प्रमुख आध्यात्मिक गुरु दादा जशन वासवानी की तबीयत बिगड़ने से तीन सप्ताह पूर्व उन्हें पुणे के रूबी हॉल क्लिनिक हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। पुणे, पिंपरी चिंचवड़, मुंबई, मध्यप्रदेश समेत देश और विदेशों में उनके अनुयायी उनके स्वास्थ्य के लिये प्रार्थना कर रहे थे। मगर तबीयत ज्यादा बिगड़ने से बुधवार की शाम उन्हें अस्पताल से पुणे के साधु वासवानी मिशन में लाया गया। यहीं पर गुरुवार की सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके देहांत की खबर मिलते ही उनके लाखों अनुयायियों में शोक व्याप्त हो गया।

 

गुरुवार को साधु वासवानी मिशन में दादा का पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए रखा गया था। आज दिनभर भी यहां दर्शन लेनेवालों की भारी भीड़ उमड़ी रही। दोपहर तीन बजे एक रथ में दादा के पार्थिव देह की अंतिम यात्रा निकाली गई, जिसमें उनके हजारों अनुयायी शामिल रहे। इसके बाद पूरे सरकारी सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। दादा का अंतिम दर्शन लेनेवालों में भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण अडवाणी, पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील, देवसिंग शेखावत, पूर्व क्रिकेट खिलाडी चंदू बोर्डे, सामाजिक न्याय राज्यमंत्री दिलीप कांबले समेत कई बड़े नेताओं और जानी मानी हस्तियों का समावेश था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दादा वासवानी के साथ अपनी तसवीर ट्वीटर पर पोस्ट कर पुरानी यादें ताजा की और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। दादा वासवानी की सौवीं सालगिरह पर वासवानी मिशन ने 31 जुलाई से 2 अगस्त तक विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया था, इसकी तैयारियों की कड़ी में बड़ा पंडाल बनाकर दादा के प्रवचन का नियोजन किया जा रहा था। इसमें दादा के जीवन का सफर और उनका सन्देश भी जनसामान्य तक पहुंचाने की तैयारी थी। यही नहीं दो अगस्त को दादा का जन्मदिन क्षमा दिवस के तौर पर घोषित किया गया है। हांलाकि यह सारी तैयारियां और नियोजन अधूरा ही रह गया। दादा के जाने के बाद साधु वासवानी मिशन की कमान मिशन की प्रमुख रत्ना वासवानी व चेयपेर्सन कृष्णा कुमारी संभालेंगी।