शेयर बाजार: गिरावट में खरीदारी है सबसे बड़ी समझदारी

 

नीरज नैयर 

आम बजट के बाद शेयर बाजार में भारी गिरावट देखने को मिली थी. उस गिरावट से बाहर निकलकर बाजार ने आगे बढ़ना शुरू किया, तो पीएनबी घोटाले ने उसे दबोच लिया. अब फिर से धीरे-धीरे बाजार ऊपर की ओर बढ़ रहा है. लेकिन ये बढ़त स्थायी रहेगी ऐसा नहीं है. जानकारों की मानें तो आने वाले समय में शेयर बाजार दोबारा गोता लगा सकता है. यानी जोखिम अभी भी बना हुआ है. बाजार में आने वाले भूचालों से बड़े निवेशक तो किसी तरह संभल जाते हैं, मगर जिन्होंने अभी चलना सीखा है या जो छोटे-छोटे कदम बढ़ाने की हैसीयत रखते हैं उनके लिए इससे उबरना बहुत मुश्किल हो जाता है. गिरावट के समय निवेशक भारी नुकसान से बचने के लिए धड़ाधड़ बिकवाली करते हैं, उन्हें लगता है कि आज बेच लो कल मौका मिले न मिले. ये मानसिकता सामान्य बाजार में तो कारगर हो सकती है, लेकिन शेयर बाजार बिल्कुल अलग है.

लंबे समय की योजना बनाएं

धड़ाधड़ बिकवाली, एक मामूली से बीमार इंसान को आईसीयू में पहुंचाने जैसी है. निवेशकों की घबराहट पूरे के पूरे बाजार को जार-जार कर देती है, और जाहिर है ऐसी स्थिति से निकलने में वक्त लगता है. शेयर बाजार में पूंजी निवेश कर मुनाफा कमाना हमेशा लॉंग टर्म निवेश रहा है, लेकिन बीते कुछ सालों में शॉट टर्म निवेशकों की भरमार हो गई है. ऐसे लोगों की तादाद काफी ज्यादा है, जिनकी नजर में शेयर कम वक्त में मुनाफा कमाने का बहुत बढ़िया विकल्प है.  इस बढ़िया विकल्प की सोच ने ही ऐसे निवेशकों की लंबी-चौड़ी फौज खड़ी कर दी है जो बाजार में पैसा लगाते हैं और हल्की सी आशंका मात्र पर ही अपने हाथ खींच लेते हैं.

अपनी सोच बदलें

जब कभी भी बाजार गोते लगाता है, अच्छे से अच्छे निवेशक भी हाथ बांधे खड़े हो जाते हैं. उन्हें लगता है कि अगर अब निवेश किया तो ताउम्र पछताना पड़ेगा. जबकि ऐसा बिल्कुल नहीं है. सही मायनों में देखा जाए तो खरीदारी का ये सबसे सुनहरा मौका है, ऐसे मौके बार-बार नहीं मिला करते. ये एक तरह से कभी-कभी लगने वाली बंपर सेल की तरह है, अगर आप सेल का लाभ लेने से नहीं चूकते तो फिर यहां घबराहट किस बात की?  जब बड़ी-बड़ी कपंनियों के शेयर आलू-टमाटर के भाव मिलें तो उनमें निवेश करने में बुराई क्या है? गिरावट के वक्त किया गया निवेश ज्यादा मुनाफे कमाने का नायाब तरीका है, वैसे जोखिम की संभावना तो हर पल बनी रहती है, लेकिन इस वक्त जोखिम का प्रतिशत काफी कम हो जाता है. हां, इसके लिए आपको धैर्य से काम लेना होगा. ऐसा बिल्कुल नहीं होगा कि आपने आज निवेश किया और कल आपको उसका दोगुना मिल जाए.

निवेश से पहले अध्ययन करें

निवेश करने से पहले अध्ययन जरूरी है. कुछ दिनों तक बाजार पर नज़र रखें. जिन कंपनियों के शेयर आप खरीदना चाहते हैं, यदि उनमें उतार-चढ़ाव ज्यादा हो रहा हो, उन्हें खरीदने में समझदारी है. उतार-चढ़ाव का मतलब दोनों बातों से है, मसलन, आज भाव बढ़ गए, कल गिरे तो परसों फिर चढ़ गए. ऐसे शेयर उन कंपनियों के शेयरों से ज्यादा मुनाफा दिला सकते हैं जो एक जगह काफी वक्त तक स्थिर हैं. जिस तरह के हालात हैं, उसमें बाजार  अभी एक गोता और लगा सकता है. लिहाजा बाजार में निवेश की बेहतर संभावनाएं कुछ और वक्त तक बरकरार रहने वाली हैं.

वॉरेन बफे का मंत्र

शेयर बाजार के बारे में एक और बात जो सीखना बहुत जरूरी है, वो यह कि जब बाजार गिरावट की दिशा में जा रहा हो, निवेश करने से न चूकें. जाने-माने निवेशक वॉरेन बफे ने कहा है, जब लोग डर रहे हों, तब आप लालची बन जाओ और जब लोग लालची हों तब आप थम जाओ. इसी लाइन पर आगे चलते हुए बफे ने शेयर बाजार से बहुत कमाया, वो दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति का खिताब भी हासिल कर चुके हैं. अगर बफेट जैसा विशेषज्ञ कुछ कह रहा है तो निश्चित तौर पर उसके पीछे कुछ तर्क होंगे. इसलिए गिरावट का इंतजार करें और मौका मिलते ही दांव खेल दें.