ठाकरे सरकार के आदेश से सोलापुर मनपा में खलबली, पूरी स्थायी समिति निलंबित

सोलापुर : सोलापुर महानगरपालिका की स्थायी समिति की अध्यक्षता को लेकर एक और विवाद शुरू हो गया है। इसलिए स्थायी समिति के अध्यक्ष के चुनाव के लिए आए सभी सदस्यों को निलंबित कर दिया गया है। निलंबन का आदेश राज्य सरकार ने दिया है। पिछले तीन वर्षों से रुकी हुई इस समिति को फिर से स्थगित हो गया है।

5 मार्च को होने वाले स्थायी और परिवहन समिति का चुनाव एमआईएम के पार्टी नेतृत्व पर विवाद होने के कारण सरकार द्वारा स्थगित कर दिया गया। कोर्ट के आदेश के बाद 15 मार्च को चुनाव होना था। हालांकि, चुनाव प्रक्रिया शुरू हो गई है और सरकार ने स्थायी समिति के सभी सदस्यों को निलंबित कर दिया है। इसलिए स्थायी और परिवहन समिति के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव प्रक्रिया को रद्द कर दिया गया है।

कुछ दिनों पहले सोलापुर मनपा की स्थायी और परिवहन समिति के सदस्यों का चुनाव किया गया था। उसके बाद सभापति के लिए दोनों समितियों का चुनाव किया जाना था। हालांकि एमआईएम के पार्टी नेतृत्व पर विवाद के कारण चुनाव पिछली बार स्थगित कर दिया गया था। उसके बाद सरकार ने केवल उन सदस्यों को निलंबित किया है जो अध्यक्ष के चुनाव के लिए आए थे। इसे निलंबित करते हुए, सरकार ने कहा कि मनपा अधिनियम, 1949 की धारा 31-ए के प्रावधानों के अनुसार दोनों समितियों के सदस्यों का चुनाव असंगत है। इसलिए राज्य सरकार ने अपने आदेश में कहा है कि मनपा का प्रस्ताव रद्द किया जा रहा है। हालांकि सरकार ने स्पष्ट किया है कि जिन सदस्यों को इस निर्णय पर कोई आपत्ति है, वे 30 दिनों के भीतर अपनी आपत्ति दर्ज करा सकते हैं।

तीन साल से स्थायी समिति का अध्यक्ष पद खाली है

2016 में सोलापुर मनपा में पहली बार भाजपा सत्ता में आई। उस समय भाजपा ने पहले दो वर्षों के लिए स्थायी समिति की अध्यक्षता की कमान संभाली । तब से ही स्थायी समिति का अध्यक्ष पद रिक्त है। इसके विपरीत पिछली बार स्थायी समिति के अध्यक्ष का चुनाव 2018 में हुआ था, भाजपा के दो देशमुखों के बीच विवाद हो गया था। ऐन वक्त पर विधायक विजय कुमार देशमुख के ग्रुप के एक कार्यकर्ता ने विधायक सुभाष देशमुख के ग्रुप के उम्मीदवार का आवेदन छिन कर भाग गया था, इसलिए चुनाव कओ स्थगित कर दिया गया था। तीन साल बाद 5 मार्च 2021 को चुनाव हुआ।

उसमें भी महाविकास आघाडी और भाजपा आमने सामने थी और यह चुनाव भी रद्द कर दिया गया। इससे पहले स्थायी समिति के विवाद के उच्च न्यायालय में जाने के बाद अदालत ने इस साल चुनाव की अनुमति दी। इसके अनुसार 20 फरवरी को स्थायी समिति के सदस्य का चुनाव हुआ । इसके अनुसार चुनाव भी हुए लेकिन स्थायी समिति में एमआईएम का पार्टी नेता कौन होगा, इस पर विवाद हो गया। समूह नेतृत्व का विवाद भी अदालत में चला गया और चुनाव प्रक्रिया एक बार फिर से ठप्प हो गई। इसलिए अब सोलापुर मनपा का कामकाज अब अदालत के भरोसे ही चलता हुआ दिख रहा है।