जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के 28 दिन बाद ‘ऐसे’ हैं वहां के हालात

समाचार ऑनलाइन- भारत सरकार ने आजादी के 73 सालों बाद आख़िरकार कश्मीर को लेकर ऐतिहासिक फैसला ले ही लिया और पिछले माह अगस्त में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35ए हटा दिया. इसके बाद से राज्य में शांति औऱ कानून व्यवस्था के मद्धेनजर धार 144 लगाई गई,  साथ ही संचार सेवाएँ भी बंद कर दी गई. यहाँ के हालातों में सुधार देखते हुए, धीरे-धीरे कानून व्यवस्था के हिसाब से घाटी के कई क्षेत्रों में पुनः बहाली की जा रही है. इस दौरान घाटी में पत्थरबाजी की छुटपुट घटनाएँ  भी दर्ज़ की गई हैं. बरहाल वहां के हालात नियंत्रण में हैं.

धारा 370 हटने के बाद 28 दिनों के बाद कैसे हैं हालात…

जम्मू-कश्मीर से धारा 370 अगस्त के प्रथम सप्ताह में हटने के बाद  28 दिन  हो चुके हैं. लेकिन ग्रीष्कालीन राजधानी श्रीनगर का प्रसिध्द रविवार बाजार लगातार चौथे सप्ताह भी लगभग बंद रहा. आधिकारिक सूत्रों का कहना हैं कि कश्मीर घाटी औऱ श्रीनगर में रविवार को किसी तरह का प्रतिबंध नहीं लगाया गया था और शनिवार को भी रात को हालात सामान्य थे. इस बीच दो पहिया वाहनों की आवाजाही सामान्य रूप से दिखाई दी, जबकि शहर और बाहरी इलाकों में सार्वजनिक परिवहन के पहिए थमे रहे. वही दुकानें और व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे, लेकिन क्षेत्र  में विक्रेता ठेलों पर फल और सब्जी बेचते नज़र आये.

मुख्य शहर सहित कश्मीर कें जिले और तहसील मुख्यालय पूरी से ठप रहे. शुक्रवार को कई जगहों पर कर्फ्यू भी लगाया गया था. इसके अलावा क्षेत्र के कुछ हिस्सों में पत्थरबाजी की मामूली घटनाएं भी दर्ज की गयी.

जल्द ही बहाल की जाएगी संचार व्यवस्थाएं…

पूर्व पुलिस महानिरीक्षक औऱ भाजपा में शामिल हुए फारुख खान ने कहा कि घाटी के हालात तेजी से सामान्य हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि घाटी में कुछ समय तक लोगों को संचार संबंधी असुविधाए उठानी पड़ी हैं, लेकिन अब तक 75 फीसदी लैंडलाइन सेवाएं बहाल कर दी गयी हैं, जबकि  कुछ जिलों में मोबाइल फोन भी काम कर रहै हैं.

स्कूल खुले, लेकिन श्हत्रों की संख्या कम

खान ने बताया की घाटी में स्कूल भी खुल गये हैं, लेकिन स्टूडेंट्स की मौजूदगी अभी अपेक्षकृत कम है. धीरे-धीरे संख्या में इजाफा होगा. जल्द ही हम नौवीं से लेकर 12 वीं कक्षा तक राज्य स्कूली शिक्षा बोर्ड की परीक्षाओं के लिए तैयारी कर रहे हैं.

आतंकवादियों की संख्या हजारों से घटकर रह गई हैं 150 से 200…

जम्मू कश्मीर के राज्यपाल के सलाहकार फारूक खान ने रविवार को दावा किया कि, घाटी में सक्रिय आतंकवादियों की संख्या हजारों से घटकर महज 150-200 रह गयी है. पत्रकारों से बातचीत में खान ने कहा कि पाकिस्तान 1947 से ही कश्मीर को हथियाने की चेष्टा कर रहा है.

इसलिए उससे कभी भी अच्छे की उम्मीद करना बड़ी गलती साबित हो सकती हैं. ऐसे हालातों में राज्य के हर नागरिक को सतर्क रहने की जरुरत है।

हालांकि, उन्होंने आतंकवादियों को भी कड़े शब्दों में जेल जाने या दुष्परिणाम झेलने की क्गेतावनी दी है.

उन्होंने स्थानीय निवासियों को हौसला अफजाई करते हुए कहा कि, पिछले तीन दशक में आतंकवादियों से निपटने में सुरक्षाबलों को मदद पहुंचाने में लोगों की अहम भूमिका रही हैं. उन्होंने स्थानीय निवासियों को सरकार और सेना का आंख-कान भी बताया है. उन्होंने जनता से अपील की कि आतंकवाद से निपटने के लिए वे पहले की तरह अपना सहयोग और समर्थन देते रहे.