पुणे (Pune News) : Shriguru Balaji Tambe | आयुर्वेद (Ayurveda) और योग शिक्षा (Yoga education) के माध्यम से सामाजिक परिवर्तन का संकल्प लेने वाले श्रीगुरु बालाजी तांबे (Shriguru Balaji Tambe) का आज (मंगलवार) 81 वर्ष की आयु में निधन (Death) हो गया। शाम को उनके पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार किया जाएगा। वे अपने पीछे पत्नी वीणा, पुत्र सुनील और संजय, स्नुशा और पोते-पोतियां छोड़ गए हैं। तबीयत बिगड़ने पर बालाजी तांबे (Shriguru Balaji Tambe) का पिछले हफ्ते पुणे (Pune) के एक निजी अस्पताल में इलाज शुरू हुआ। इलाज के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली।
आयुर्वेदाचार्य डॉ बालाजी तांबे यांचे दुःखद निधन
मी अनेक वर्ष त्यांच्या आत्मसंतुल विलेज मध्ये जात होतो.
त्यांच्या सहत्रचंद्र दर्शन कार्यक्रमात सहभागी होतो
भावपूर्ण श्रद्धांजली pic.twitter.com/zWU7Fe1niY— Ujwal Keskar (@UjwalKeskar) August 10, 2021
बालाजी तांबे आयुर्वेद, अध्यात्म और संगीत चिकित्सा (music therapy) को पिछले पांच दशकों से बढ़ावा दे रहे हैं। उन्होंने विभिन्न विषयों पर लेख लिखे हैं। उन्होंने वैज्ञानिक और गुणवत्तापूर्ण आयुर्वेदिक दवाओं पर शोध और उत्पादन (Research and production) कर उन्हें आम जनता के लिए उपलब्ध कराया। उन्होंने नागरिकों के बीच आयुर्वेद (Ayurveda) के बारे में जिज्ञासा पैदा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने समाज के विभिन्न वर्गों को आयुर्वेद से जोड़ा।
बालाजी तांबे ने न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी आयुर्वेद का प्रचार किया। उन्होंने लोनावाला के पास कार्ला में अपनी परियोजना ‘आत्मसंतुलन गांव’ के माध्यम से आयुर्वेद के बारे में जागरूकता बढ़ाई।
अभिनेता, संगीतकार, राजनीतिक नेता, कला क्षेत्र के कई दिग्गज आश्रम का दौरा करते थे। इसके अलावा विदेशों से भी कई लोग उनके मार्गदर्शन के लिए आश्रम आते थे।