नई दिल्ली : समाचार ऑनलाइन – पंजाब एंड महाराष्ट्र बैंक (पीएमसी) घोटाले में अब खाताधारकों को सुप्रीम कोर्ट की तरफ से बड़ा झटका लगा है। शीर्ष अदालत ने पीएमसी खाताधारकों की याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ ने याचिकाकर्ताओं से संबंधित हाई कोर्ट जाने की सलाह दी। मिली जानकारी के मुताबिक, दिल्ली के रहने वाले बीके मिश्रा और अन्य ने यह याचिका दायर की थी।
Supreme Court refuses to entertain petition, filed by some account holders in the PMC Bank, seeking direction to Reserve Bank of India (RBI) against putting restriction on withdrawal of money. Court asks the petitioners that they may approach concerned High Courts for relief. pic.twitter.com/sIXU1UKX0D
— ANI (@ANI) October 18, 2019
रिपोर्ट्स के मुताबिक, याचिका में बैंक के खाताधारकों ने कहा था कि बैंक में लोगों की जिंदगीभर की कमाई जमा है। यह मेहनत से कमाया गया ईमानदारी का पैसा है। ऐसे में बैंक के घोटाले के चलते उनके पैसों को भी आरबीआई ने निकालने की सीमा तय कर दी है जो काफी कम है। ऐसे में उन्हें परिवार व व्यापार को चलाने में परेशानी हो रही है। याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट से निवेदन किया था कि खाताधारकों को उनका जमा पैसा निकालने के लिए आरबीआई को निर्देशित किया जाए और खाताधारकों को राहत दी जाए। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई से मना करते हुए कहा कि यह मामले की पहले हाईकोर्ट में सुनवाई होनी चाहिए। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि पीएमसी बैंक के खाताधारक राहत के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटा सकते हैं।
क्या है मामला –
पीएमसी बैंक ने एक ही कंपनी को दिया 73% कर्ज, जो एनपीए बन गया पीएमसी बैंक 11,600 करोड़ से ज्यादा जमा राशि के साथ शीर्ष 10 सहकारी बैंकों में से एक है। बैंक ने एचडीआईएल को 6,500 करोड़ का कर्ज दिया है, जो बैंक के कुल कर्ज का 73% है। एचडीआईएल के कर्ज नहीं चुकाने से संकट आ गया। गौरतलब हो कि आरबीआई ने खाताधारकों को मात्र 1 हजार रुपए निकालने की अनुमति दी थी। बाद में विरोध किए जाने पर इसे 25 हजार कर दिया गया और फिर इसे बढ़ाकर 40 हजार रुपए कर दिया गया। लेकिन बैंक ग्राहक अपने खातों से अपनी पूरी रकम निकालने की मांग कर रहे हैं।
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