मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर शिवसेना के ‘इस’ सांसद ने जताई नाराजगी, बढ़ेगा मुख्यमंत्री का ‘सिरदर्द’?

मुंबई : समाचार ऑनलाइन- उद्धव ठाकरे का मंत्रिमंडल विस्तार आखिरकार हो गया है। इस विस्तार के बाद अब नेताओं की नाराजगी देखने को मिल रही है. हाल ही में, राष्ट्रवादी नाराजगी का पता चला था। इसके बाद कांग्रेस में कानाफूसी होने लगी है। इस बीच, अब शिवसेना से आंतरिक विवाद की सुगबुगाहट सुनाई देने लगी है. वाशिम की शिवसेना सांसद भावना गवली ने मंत्रिमंडल के विस्तार पर नाराजगी व्यक्त की है। गवली 5 बार वाशिम से लोकसभा में जा चुकी हैं. इसके साथ ही विदर्भ में भी शिवसेना में आंतरिक मतभेद उबर कर सामने आ रहे हैं. लगता है इन सभी की वजह से पार्टी का सिरदर्द बढ़ने वाला है. इस बीच, पार्टियों ने विद्रोहियों को शांत करने की जिम्मेदारी अपने वरिष्ठ नेताओं के जिम्मे कर दी है.

ठाकरे सरकार के मंत्रिमंडल में एंट्री पाने वाले इच्छुक नेताओं की संख्या अधिक थी. इसलिए मंत्रीमंडल में जगह न मिल पाने के कारण उनमें रोष व्याप्त हो गया है. हालाँकि महाविकास गठबंधन सरकार में शिवसेना, कांग्रेस और राकांपा शामिल हैं. इसलिए इन सभी पार्टी के नेताओं को मंत्रीमंडल में जगह देनी जरूरी थी. हालाँकि कम जगह और अधिक उम्मीदवारों के चलते कइयों को मंत्रीमंडल में शामिल करना  संभव नहीं हो पाया.

इसके अलावा, विदर्भ में शिवसेना सांसद भावना गवली और शिवसेना नेता संजय राठौड़ के बीच मतभेद हैं. लोकसभा चुनावों के दौरान, राठौड़ ने कोशिश की थी कि भावना गवली को टिकट न मिले. लेकिन सीएम ठाकरे ने उन्हें टिकट दिया और उन्होंने जीत हासिल की.

भावना गवली निराश हैं क्योंकि उद्धव ठाकरे ने दिग्रस के विधायक संजय राठौड़ को मंत्रिमंडल में जगह देने के साथ-साथ उन्हें पदोन्नती भी दी. उन्हें सीधे राज्य मंत्रिमंडल से कैबिनेट में जगह दे दी गई. भावना, गवली की इच्छा थी कि, पश्चिम विदर्भ से एक किसी को मंत्री पद मिलना चाहिए था. गवली की मांग थी कि बुलढाना के शिवसेना नेता संजय रामुलकर और अकोला के संदीप बाजोरिया को मंत्रिमंडल दिया जाए। उन्होंने इसके लिए उद्धव ठाकरे से अनुरोध भी किया था। लेकिन कैबिनेट में राठौड़ को स्थान मिलने से गवली नाराज हो गई हैं. उन्होंने खुलकर अपनी नाराजगी जाहिर की है।