जलकुंभी के मसले पर शिवसेना नगरसेवक आक्रामक

अतिरिक्त आयुक्त के गले में जलकुंभी की माला पहनाने की कोशिश; सुरक्षा कर्मियों के साथ धक्कामुक्की 
पिंपरी। नदी में बढ़े जलकुंभी से पिंपरी चिंचवड़ शहरवासियों को हो रही दिक़्क़तों की ओर प्रशासन का ध्यानाकर्षित करने के लिए शिवसेना के नगरसेवकों ने आक्रामक रुख अख्तियार किया। गुरुवार को हुई सर्वसाधारण सभा में जलकुंभी की माला पहने शिवसेना नगरसेवक एड सचिन भोसले ने अतिरिक्त आयुक्त विकास विकास ढाकणे के गले में जलकुंभी की माला पहनाने की कोशिश की। इआ दौरान सुर्क्सग कर्मचारियों के साथ उनकी धक्कामुक्की हुई। अकेले पड़ गए भोसले की मदद के लिए शिवसेना के पूर्व गुटनेता राहुल कलाटे और मनसे नगरसेवक सचिन चिखले आगे आये। इससे सभागृह में कुछ देर तनाव की स्थिति रही।
पिंपरी चिंचवड़ शहर से गुजरने वाली पवना नदी में बड़े पैमाने पर जलकुंभी का साम्राज्य बना हुआ है। इसके चलते शहरवासी बदबू और मच्छरों के उपद्रव से त्रस्त हो चुके हैं। शिवसेना के नगरसेवक सचिन भोसले ने इस बारे प्रशासन को पत्र भी लिखा था। मगर उस पर कोई कार्यवाही नहीं की गई। इससे नाराज होकर आज मनपा की सर्वसाधारण सभा में जलकुंभी की माला पहने दाखिल हुए। हालांकि सभागृह के प्रवेश द्वार पर सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें रोक दिया। इस पर आक्रोशित भोसले प्रवेश द्वार पर ही बैठ गए और प्रशासन की निंदा की। वे जलकुंभी की माला पहने हुए ही सभागृह में जाने की जिद पर अड़ गए लेकिन सुरक्षा कर्मी उन्हें रोके हुए थे।
भोसले को अकेला पड़ता देख मनसे के नगरसेवक सचिन चिखले आगे आये। उन्होंने सुरक्षा कर्मियों को समझाया लेकिन वे नहीं माने। इस पर भड़के चिखले ने सभा का कामकाज न चलने देने की चेतावनी दी। अकेले के साथ 10-10 लोग दादागिरी न करे। पुणे मनपा में नगरसेवक साइकिल लेकर सभागृह में गए, यह भी उन्होंने याद दिलाया। शिवसेना के नगरसेवक राहुल कलाटे भी उनके साथ हो लिए और उन्होंने सुरक्षा कर्मियों को समझाने की कोशिश की। इस बीच अतिरिक्त आयुक्त विकास ढाकणे भोसले से मिलने के लिए आये। तब आक्रोशित भोसले ने जलकुंभी की माला उनके गले मे डालने की कोशिश की। इस दौरान नगरसेवकों और सुरक्षा कर्मियों के बीच धक्कामुक्की हुई। जैसे- तैसे यह मामला शांत हुआ और भोसले सभागृह में दाखिल हुए।