दंगों के दहशतगर्द शाहरुख की कुंडली, बाप ड्रग तस्कर बेटा गोलीबाज (आईएएनएस इनसाइड स्टोरी)

नई दिल्ली, 3 मार्च (आईएएनएस)| उत्तर पूर्वी दिल्ली में फैली हिंसा में बीते 24 फरवरी को लोडेड अवैध पिस्तौल से अंधाधुन गोलियां चलाने वाले शाहरुख खान और उसके बाप का इतिहास ही काला निकला है।

शाहरुख खान की बरेली से गिरफ्तारी के बाद दिल्ली पुलिस अपराध शाखा अब उसके पूरे घर को ही कानून के शिकंजे में कसने की तैयारी में है। दिल्ली पुलिस ने शाहरुख को तब गिरफ्तार किया जब वह बरेली से शामली के लिए जा रहा था।

यह वही खूंखार शाहरुख खान है जिसने 24 फरवरी को दिन दहाड़े मौजपुर चौक पर पिस्तौल से हवा में अचानक गोलियां चलानी शुरू कर दी थीं और सात राउंड फायर करके पुलिस और भीड़ में मौत का खौफ चंद सेकेंड में पैदा कर दिया था।

इतना ही नहीं बेखौफ और बिगड़ैल बाप की संतान शाहरुख खान ने दिल्ली पुलिस तीसरी वाहनी के निहत्थे हवलदार दीपक दहिया के सीने पर ही लोडेड पिस्तौल तान दी थी। दीपक दहिया के हाथ में महज एक अदद लाठी भर थी।

ऐसे में हवलदार और शाहरुख के बीच भला क्या मुकाबला था? इसके बाद भी जांबाज हवलदार दीपक दहिया ने बेहद सधी हुई बुद्धि से काम लिया। उसने खुद को हथियारबंद शाहरुख के सामने बहादुर ही साबित किया। यह भूलकर कि सनकी शाहरुख खान हाथ में मौजूद लोडेड पिस्तौल से कभी भी उसके सीने में गोली झोंक सकता है।

हवा में गोलियां चलाकर सनसनी मचा देने वाला शाहरुख खान बाद में खुद को फंसता देखकर गायब हो गया था। जब दिल्ली पुलिस उसके पीछे पड़ी तो वह जान बचाने के लिए चूहे की मानिंद यहां वहां ‘बिल’ खोजने लगा। डरपोक शाहरुख खान को अंतत: दिल्ली छोड़कर उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में छिपने को भागना पड़ा।

दिल्ली पुलिस भले ही शाहरुख खान को एक सप्ताह बाद पकड़ पाई हो, मगर उसकी कुंडली दिल्ली पुलिस अपराध शाखा और स्पेशल सेल दोनो ने ही खंगाल ली थी। शाखरुख की तलाश में दिल्ली पुलिस की टीमें उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा में कई जगह खाक छान रही थी। इसके बाद भी वो दिल्ली पुलिस अपराध शाखा के एडिश्नल पुलिस कमिश्नर डॉ. अजित कुमार सिंगला की टीम के हाथ लगा दो मार्च को।

दंगे वाले दिन बहादुरी दिखा रहा और बाद में चूहे की मानिंद छिपता फिर रहा शाहरुख खान उत्तर पूर्वी दिल्ली के थाना उस्मानपुर की अरविंद नगर की गली नंबर-5 में स्थित एक मकान में परिवार के साथ रह रहा था। शाहरुख के पिता का नाम शावर पठान है। शावर पठान सन 1985 में दिल्ली में आकर बसा था।

दिल्ली पुलिस ने शाहरुख के खानदान की जो कुंडली खंगाली है, उसके मुताबिक, ‘शाहरुख का पिता शावर पठान पहले भी जेल जा चुका है। उस पर ड्रग तस्करी का भी आरोप था।’

उत्तर पूर्वी दिल्ली दंगों की जांच में जुटी दिल्ली पुलिस अपराध शाखा की एसआईटी टीम के एक अधिकारी ने मंगलवार को आईएएनएस को बताया, “शाहरुख से ‘वह बरेली में ही छिपने क्यों पहुंचा? उसके पास पिस्तौल कहां से आई? शाहरुख को दंगों के दौरान गोलियां चलाने के लिए उकसाने वाला कौन था? जब शाहरुख दंगो के दौरान पिस्तौल लेकर घर से बाहर गया तो घर में कौन-कौन था? शाहरुख के पास पिस्तौल है, यह बात घर के किन-किन सदस्यों को पता थी?’ आदि-आदि सवालों के जबाब भी पुलिस रिमांड के दौरान पूछे जाएंगे।”

पता चला है कि, जो शाहरुख खान दंगों के दौरान अंधाधुंध गोलियां बरसाकर आमजन में दशहत फैलाने में कामयाब हुआ था, वही बाद में खुद पुलिस से बचने के लिए पनाह मांगता फिर रहा था। टीवी चैनलों पर उसकी बैखौफ वीडियो और तस्वीरें देखकर उसके परिचित/रिश्तेदार भी अलर्ट हो गए थे।

घटना के बाद शाहरुख तुरंत छिपने के लिए ‘बिल’ तलाशने के लिए घंटों दिल्ली में परिचितों, रिश्तेदारों की देहरियों पर नाक रगड़ता रहा। पुलिस के खौफ से मगर उसे किसी ने अपने यहां पनाह नहीं दी थी। अंतत: उसे छिपने के लिए जगह मिली दिल्ली से करीब 300 किलोमीटर दूर उप्र के बरेली जिले में।

अभी यह पता नहीं चल सका है कि शाहरुख को बरेली में छिपाने वाला कौन है? वहां तक वो कैसे पहुंचा? फिलहाल शाहरुख की गिरफ्तारी के बाद पुलिस के निशाने पर अब उसे शरण देने वाला और हथियार मुहैया कराने वाला होगा। घटना के बाद से ही डरपोक शाहरुख का पिता शावर पठान परिवार के बाकी सदस्यों के साथ फरार हो गया।

शुक्रवार को आईएएनएस की टीम दोपहर के वक्त जब उसके घर पहुंची तो वहां ताला लटका हुआ था। आस-पास के लोगों ने कुछ भी बताने से इंकार कर दिया।

दंगों की जांच में जुटी दिल्ली पुलिस अपराध शाखा की टीमें इस बात से इंकार नहीं कर रही हैं कि शाहरुख को बरेली में शरण उसके पिता के किसी ड्रग सप्लायर साथी ने ही दी हो।