Serum Institute | पुणे : वैक्सीन का मानव ट्रायल करने की सीरम इंस्टीट्यूट को परमिशन नहीं दी गई  

पुणे (Pune News), 3 जुलाई : (Serum Institute) देश में कोरोना की तीसरी लहर आने की आशंका जताई जा रही है।  इस बीच 17 वर्ष तक के बच्चों पर कोवोवैक्स वैक्सीन (covax vaccine) के दूसरे और तीसरे चरण के मानव ट्रायल (human trial) करने के लिए सीरम इंस्टिट्यूट (Serum Institute) को केंद्र सरकार (central government) ने परमिशन देने से इंकार क्यों कर दिया ? यह दोहर व्यव्हार किस लिए ? यह सवाल कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता गोपाल तिवारी (Gopal Tiwari) ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में उठाया।

कोरोना संकट काल में देश-विदेश में कोविशील्ड वैक्सीन (Covishield vaccine) के उत्पादक सीरम इंस्टिट्यूट (Serum Institute) संस्था तारणहार साबित हुई है।  एक तरफ भारत बायोटेक व कैडिला इन दो कंपनियों की वैक्सीन के सुरक्षित होने की रिपोर्ट न लेते हुए उसे ट्रायल की परमिशन दी है।

लेकिन वेक्सीनेशन (Vaccination) में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले सीरम (Serum) के  कोवोवैक्स वैक्सीन के सुरक्षित होने की प्रथम रिपोर्ट देने की शर्त लगाकर टेस्टिंग ट्रायल की परमिशन क्यों नहीं  दे रही है ? यह सवाल तिवारी ने उठाया है।  यह दोहरा व्यवहार है।  अगर बच्चों की वैक्सीन (Vaccine) आने में देर हुई तो इसकी पूरी जिम्मेदारी केंद्र सरकार (central government) पर होगी।

सीरम इंस्टीट्यूट (Serum Institute) के  नोवैक्स  को अमेरिका ने भी ट्रायल करने की परमिशन दी है और यहां 17 वर्ष तक के 30 हज़ार बच्चों का वेक्सीनेशन हो चुका है।

लेकिन भारत में सीरम (Serum) को सौतेले व्यवहार का सामना पड़ रहा है।

इसी सीरम के कोविशील्ड को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भरता को लेकर खुद की पीठ थपथपाई थी।

सीरम की पहले की 11 करोड़ डोज का आर्डर आने वाले सप्ताह भर में खत्म हो जाएगा।

आज सीरम के पास केवल 24 करोड़ कोविशील्ड डोज का आर्डर है।

दिसंबर आखिर तक वेक्सीनेशन के लक्ष्य को इस गति से कैसे पाया जा सकता है। यह देश के सामने बड़ी चिंता है।

 

 

 

 

Bhagat Singh Koshyari | विधान परिषद में नियुक्ति का आदेश हम राज्यपाल को नहीं देंगे : सर्वोच्च न्यायालय

 

Mumbai Property Registration | मुंबई में घर के रजिस्ट्रेशन में बड़ी वृद्धि; जून का अंकड़ा चौंकानेवाला