सीरम अग्निकांड : अगर ऐसा होता तो ‘सीरम’ में टल जाता अनर्थ

पुणे : ऑनलाइन टीम – कोरोना वैक्सीन बनाने वाली सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के पुणे स्थित बिल्डिंग परिसर में गुरुवार को आग लगने की घटना से एसआईआई को एक हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान पहुंचने की बात सामने आ रही है। वहीं आग लगने के कारणों को लेकर बयानबाजी का सिलसिला भी जारी है। इस बीच अब ये खबर सामने आ रही है कि अगर सीरम इंस्टीट्यूट में आग लगने की सूचना फायर ब्रिगेड को समय से मिल जाती तो शायद इतनी तबाही न मचती।

अग्निशमन अधिकारियों के मुताबिक, घटना की सूचना में शायद देरी कर दी गयी है। आग की सूचना दोपहर 2:33 बजे पुणे नगर निगम की दमकल को दी गई।लेकिन पीएमआरडीए फायर ब्रिगेड को 2.35 बजे सूचना मिली। दोनों दलों के अधिकारियों के अनुसार, इमारत में उच्च गुणवत्ता वाली अग्निशमन प्रणाली है। आग लगने पर सिस्टम ऊपर-नीचे हो रहा था। हालांकि, आग की उच्च दर के कारण, इस प्रणाली के माध्यम से आग को नियंत्रित करना मुश्किल हो सकता है।

अधिकारियों ने कहा कि आग को उसी प्रणाली से पानी का उपयोग करके नियंत्रण में लाया गया। कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि आग लगने के आठ मिनट के भीतर दमकलकर्मियों को सूचित कर दिया गया था।

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि यह आग एक दुर्घटना थी, हम इस पर अभी कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि जांच पूरी होने दें, पूरी रिपोर्ट आने दें। बता दें कि पूरे मामले की गहन जांच की जा रही है। रिपोर्ट आने तक निष्कर्ष नहीं निकाले की बात कही गयी है। मौतों के लिए सीरम ने पूरी जिम्मेदारी ली है। जरूरत पड़ने पर सरकार भी मदद करेगी।