गुजरात | समाचार ऑनलाइन
गुजरात के भरूच के एक स्कूल ने छात्राओं को केवल इसलिए घर बैठने का फरमान सुना डाला क्योंकि उनके हाथों में मेहंदी लगी थी। यहाँ के वडदाला गांव के कुईंस ऑफ़ एंजेल स्कूल प्रशासन ने सजा के तौर पर बच्चों से तब तक स्कूल न आने के लिए कहा है जब तक कि उनके हाथों की मेहंदी उतर नहीं जाती। बच्चियों ने गौरी व्रत के अवसर पर मेहंदी लगाई थी। स्कूल के इस फरमान को लेकर अभिवावकों में नाराज़गी है, वहीं विधायक दुष्यंत पटेल ने भी इस संबंध में स्कूल प्रशासन से बात की है।
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इस फैसले के विरोध में छात्राओं के परिजनों ने स्कूल के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ भी किया। परिजनों का कहना है बच्चों को स्कूल से इस तरह वापस भेजना अपमानजनक है। साथ ही इससे उनकी पढ़ाई भी प्रभावित होगी। वहीं, विधायक दुष्यंत पटेल ने स्कूल प्रशासन से बातचीत के बाद कहा कि पहले भी इस तरह के मामले सामने आ चुके हैं, अब शिक्षा मंत्रालय से स्कूल की शिकायत की जाएगी।
उधर, विश्वहिन्दू परिषद ने भी इस फैसले के खिलाफ आवाज़ उठाई है। उसने स्कूल प्रशासन से लिखित में स्पष्टीकरण माँगा है। हालांकि, स्कूल ने इस बारे में कोई भी जवाब देने से साफ़ इंकार कर दिया है। गौरतलब है कि गौरी व्रत पांच दिनों का होता है। इन पांच दिनों में उपवास रखने वाले पानी के अलावा कुछ और ग्रहण नहीं कर सकते। केवल रात के समय बिना नमक का फलहार किया जाता है।