मावल में भाजपा के पूर्व विधायक बाला भेगड़े को दूसरा झटका

पिंपरी। संवाददाता : विधानसभा चुनाव में करारी शिकस्त मिलने के बाद मावल तालुका में भाजपा के भूतपूर्व विधायक बाला भेगड़े को राष्ट्रवादी कांग्रेस के विधायक सुनील शेलके ने दुसरा बड़ा झटका दिया है। तलेगांव दाभाड़े नगरपरिषद के प्रभाग नँबर सात ब की रिक्त सीट के उपचुनाव में राष्ट्रवादी कांग्रेस- कांग्रेस प्रणित तलेगांव जनसेवा विकास समिति व शहर सुधार व विकास समिति समर्थित निर्दलीय प्रत्याशी संगीता राजेंद्र शेलके ने 795 वोटों से जीत का परचम लहराया है। पूर्व राज्यमंत्री भेगड़े ने इस चुनाव के लिए प्रतिष्ठा दांव पर लगा दी थी, मगर यहां भी उन्हें विधायक शेलके से करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा है। उपचुनाव के इस नतीजे के बाद नगरपरिषद में भाजपा ने अपना स्पष्ट बहुमत खो दिया।
विधानसभा चुनाव में भाजपा द्वारा टिकट देने से इंकार किये जाने के बाद सुनील शेलके ने अपने नगरसेवक पद से इस्तीफा देकर राष्ट्रवादी कांग्रेस की ओर से विधानसभा चुनाव लड़ा और भाजपा के विधायक व राज्यमंत्री बाला भेगड़े को धूल चटाई। शेलके के इस्तीफे से रिक्त हुई नगरपरिषद में नगरसेवक की सीट के उपचुनाव हुआ। इस उपचुनाव के घोषित नतीजे के मुताबिक राष्ट्रवादी कांग्रेस- कांग्रेस प्रणित तलेगांव जनसेवा विकास समिति व शहर सुधार व विकास समिति समर्थित निर्दलीय प्रत्याशी संगीता राजेंद्र शेलके को 1452 वोट मिले। जबकि भाजपा के प्रत्याशी कृष्णा मारुती म्हालस्कर को 657 वोटों पर संतोष जताना पड़ा है। भेगड़े हर हाल में इस सीट से भाजपा की जीत चाहते थे, इसके लिए उन्होंने अपनी पूरी ताकत लगा दी। हालांकि यहां भी उन्हें करारी मात मिली और विधायक शेलके ने अपने प्रभाग पर अपनी पकड़ व अपना वर्चस्व कायम रखा।
तलेगांव नगरपरिषद में 26 में से 14 सीटें जीतकर भाजपा ने स्पष्ट बहुमत हासिल किया था। सुनील शेलके के बाद उनके चचेरे भाई संदीप शेलके ने भी नगरसेवक और भाजपा से इस्तीफा दिया था। इससे भाजपा नगरसेवकों की संख्या घटकर 12 हो गई है। अपना स्पष्ट बहुमत बनाए रखने के लिए भाजपा के लिए यह उपचुनाव जीतना बेहद जरूरी था। मगर यह सीट जीतकर विपक्ष का पलड़ा भारी हो गया है। अब काँग्रेस-राष्ट्रवादी पुरस्कृत तलेगांव जनसेवा विकास समिति और शहर सुधार व विकास समिति के नगरसेवकों की संख्या 13 हो गई है। इसके चलते नगरपरिषद में नगराध्यक्ष भले ही भाजपा का हो मगर सभागृह में बहुमत विपक्ष के पास चले जाने से भाजपा की राह आसान नहीं रही। बहरहाल संदीप शेलके के इस्तीफे के बाद रिक्त हुई सीट के लिए 6 फरवरी को उपचुनाव होना है। अगर यह सीट भाजपा जीत भी जाती है तो भी उसका बहुमत कामचलाऊ ही साबित होगा।