स्कूल लीडरशिप : स्कूलों के परिणाम को आसमान की ऊंचाई देने की योजना

पिंपरी : समाचार ऑनलाईन – पिछले पांच वर्षों में इस साल स्कूलों के परीक्षा परिणाम में गिरावट आने से परेशान पिंपरी-चिंचवड़ मनपा ने स्कूलों के मुख्याध्यापकों को शिक्षा और ट्रेनिंग देने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए स्कूल लीडरशिप कार्यक्रम शुरू किया जाएगा। दो वर्षों के इस कार्यक्रम में मुख्याध्यापकों को विद्यार्थियों व स्कूलों के लिए जरूरी विभिन्न प्रकार के मार्गदर्शन, ट्रेनिंग, नई आई जानकारियां टेक्नोलॉजी के जरिये दी जाएगी। इंडिया स्कूल लीडरशिप इंस्टीट्यूट की तरफ से यह कार्यक्रम चलाया जाएगा।

स्कूलों का परीक्षा परिणाम केवल 61 प्रतिशत रहा
इस बार पिंपरी-चिंचवड़ मनपा के माध्यमिक स्कूलों का परीक्षा परिणाम केवल 61 प्रतिशत रहा। यह परिणाम पिछले पांच वर्षों में सबसे कम है। इस वर्ष शहर के 10 स्कूलों का परीक्षा परिणाम 60 प्रतिशत से भी कम रहा। ऐसे स्कूलों के मुख्याध्यापकों को माध्यमिक विभाग शिक्षा अधिकारी पराग मुंढे ने कारण बताओ नोटिस भेजा था। दसवीं के बोर्ड की परीक्षा में मनपा के माध्यमिक 18 स्कूलों में से एक भी स्कूल का परीक्षा परिणाम सौ फीसदी नहीं रहा। इस वर्ष 18 माध्यमिक स्कूलों की दसवीं का परिणाम 61।92 प्रतिशत रहा। पिछले वर्ष की तुलना में 23 प्रतिशत कम है।
स्कूलों में सुधार पर जोर दिया है

इसके मद्देनजर शिक्षा बोर्ड ने स्कूलों में सुधार पर जोर दिया है। स्कूल और विद्यार्थियों के विकास में मुख्याध्यापकों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। इसलिए यह कार्यक्रम मनपा प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों के मुख्याध्यापकों के लिए चलाई जाएगी। इसमें मनपा स्कूलों के विद्यार्थियों, शिक्षकों और मुख्याध्यापकों में सही तरह से समन्वय स्थापित हो, इसके प्रयास किए जाएंगे। सभी स्कूलों के मुख्याध्यापकों के काम में एकरुपता आने से इसका फायदा विद्यार्थियों को मिलेगा। इसके लिए वर्कशॉप के जरिये मुख्याध्यापकों का मार्गदर्शन किया जाएगा। इसमें 40 स्कूलों के मुख्याध्यापक शामिल होंगे। इसके बाद वर्ष भर में करीब 8 वर्कशॉप आयोजित किए जाएंगे।

स्कूलों-विद्यार्थियों का डेवलपमेंट होगा : ज्योत्सना शिंदे
मनपा की प्रशासनिक अधिकारी ज्योत्सना शिंदे ने कहा है कि इस वर्कशॉप में विद्यार्थियों को पढ़ाते व सिखाते समय किस सिस्टम का इस्तेमाल किया जाए जो विद्यार्थियों के लिए आसान हो, इससे संबंधित मार्गदर्शन किया जाएगा। विद्यार्थियों को कोई चीज समझ आये इसके लिए कैसे बताया जाए? इसका भी मार्गदर्शन किया जाएगा। शिक्षकों का इस तरह से मार्गदर्शन किया जाएगा कि कठिन विषय भी विद्यार्थियों को आसान लगेगा। इन कार्यक्रमों से विद्यार्थियों का परीक्षा परिणाम, स्कील डेवलपमेंट में आने वाले समय में असर पड़ेगा।